UP Lok Sabha Result 2024: राम मंदिर की सौगात के बावजूद अयोध्या में क्यों हारी BJP? जानें कैसे अखिलेश ने पलटी बाजी
Why did BJP lose in Ayodhya: इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान यूपी को हुआ है. बीजेपी को कुल 237 सीटें मिली हैं. लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या की है. राम मंदिर की सौगात के बावजूद बीजेपी केा अयोध्या सीट पर हार का सामना करना पड़ा. यहां जानिए इस बारे में-
UP Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हर कोई बीजेपी के प्रदर्शन से हैरान है. 400 पार के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा 240 सीट तक सिमट गई. बीजेपी (BJP) चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनी, लेकिन बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है. जबकि इंडिया गठबंधन (India Alliance) ने काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए कुल 234 सीटें हासिल की हैं. इस मामले में UP गेमचेंजर बना और पूरी बाजी को पलटकर रख दिया. Uttar Pradesh में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. यूपी में सपा को 37, भाजपा को 33, कांग्रेस को 6, रालोद को 2, अपना दल (एस) को एक सीट मिली.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के चलते बीजेपी को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. सोशल मीडिया से लेकर गली-मोहल्ले तक उत्तर प्रदेश की चर्चा हो रही है. सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या (Ayodhya) की हो रही है. ये वो नगरी है जिसे वर्षों के इंतजार के बाद मोदी सरकार ने राम मंदिर (Ram Mandir) की सौगात दी. राम मंदिर के चलते अयोध्या में काफी विकास हुआ और रोजगार के अवसर भी बढ़े. इन सबके बावजूद आखिर ऐसा क्या हुआ कि भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में हार गई? आइए आपको बताते हैं-
लल्लू सिंह के बयान ने विपक्ष को दिया मुद्दा
भाजपा के उम्मीदवार लल्लू सिंह दो बार से अयोध्या से सांसद रहे हैं. बीजेपी ने उनको तीसरी बार मौका दिया. लल्लू सिंह ने अयोध्या में संविधान को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिसका डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश खुद नरेंद्र मोदी ने की, लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ. लल्लू सिंह ने अपने बयान में कहा कि 'सरकार तो 275 सांसदों से बन जाएगी, लेकिन संविधान बदलने के लिए ज्यादा सांसदों की जरूरत होगी. तभी संविधान बदल सकता है.' इस बयान के जरिए लल्लू सिंह ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया जिसे सपा ने बखूबी भुनाया.
अखिलेश-राहुल ने बयान को भुनाया
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लल्लू सिंह के बयान को अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने लोगों के सामने इस तरह से रखा कि अगर भाजपा की सरकार 400 पार कर गई तो संविधान बदल सकती है. इससे मायावती के कोर दलित वोटर्स में ये मैसेज पहुंचा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो संविधान को बदलकर आरक्षण को हमेशा के लिए खत्म कर देगी. इसके बाद खुद नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'अगर बाबा साहेब अंबेडकर स्वयं उतर आए, तो भी संविधान नहीं बदला जा सकता.' लेकिन फिर भी ये बात लोगों ने नहीं मानी और लल्लू सिंह के बयान का डैमेज कंट्रोल नहीं हो पाया.
ऐसे सपा ने बिछाई जाति की बिसात
माहौल को देखकर अखिलेश ने बड़ा दांव चला और सामान्य सीट होने के बावजूद अखिलेश ने अयोध्या की अयोध्या की सबसे बड़ी दलित आबादी वाली पासी बिरादरी से अवधेश पासी को उम्मीदवार बना दिया. संख्या के लिहाज से अयोध्या की सबसे बड़ी जाति पासी बिरादरी मानी जाती है. अवधेश पासी बिरादरी का मजबूत चेहरा हैं और छह बार विधायक रह चुके हैं.
आरक्षण खत्म न हो जाए, इस डर से दलित, ओबीसी, कुर्मी आदि सभी जातियां एकसाथ गोलबंद हो गईं. इसके बाद अयोध्या में नारा चला- ' न मथुरा, न काशी, सिर्फ अवधेश पासी'. फिर जो हुआ वो आप सबके सामने है. अयोध्या में सपा के अवधेश पासी को कुल 5,54,289 वोट मिले और लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट हासिल हुए और अवधेश पासी 54,567 वोटों से जीत गए.
05:10 PM IST