ब्रोक्रेज फर्म का दावा, पूर्ण बहुमत न आने से कड़े सुधारों की राह मुश्किल, अगले पांच साल इतनी हो सकती है ग्रोथ रेट
UBS Securities on India Growth Rate: स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "कम पॉलिटिकल कैपिटल" के कारण नई सरकार के लिए कठिन सुधारों को लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा.
UBS Securities on India Growth Rate: पीएम नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने के बाद तीसरी बार प्रधानमंत्री पद का प्रभार ले लिया है. पीएम मोदी पहली बार गठबंधन सरकार चलाएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को 240 सीटें और एनडीए को 293 सीटें आई थी. अब स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "घटी हुई राजनीतिक पूंजी" के कारण नई सरकार के लिए कठिन सुधारों को लागू करना मुश्किल हो सकता है. साथ ही ब्रोकरेज फर्म ने बताया कि अगले पांच साल तक भारत की ग्रोथ रेट कितनी हो सकती है.
UBS Securities on India Growth Rate: इन सुधारों को लागू करने पर 7.5 फीसदी से ज्यादा हो सकती है विकास दर
यूबीएस सिक्योरिटीज ने बताया कि अगर सरकार भूमि, कृषि, विनिवेश, समान नागरिक संहिता और एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे कठिन सुधार लागू कर पाती है, तो संभावित विकास दर 7.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है. यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने बताया, "कठिन सुधारों के कार्यान्वयन से अगले पांच वर्षों में संभावित विकास दर वर्तमान 6.5-7 प्रतिशत से बढ़कर 7.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है."
UBS Securities on India Growth Rate: इन सेक्टर्स पर रखना होगा सरकार को फोकस
यूबीएस सिक्योरिटीज ने यह भी कहा कि 2019 और 2014 के चुनावों की तुलना में पॉलिटिकल कैपिटल कम होने के कारण कठिन सुधारों को लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा. यह बयान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सत्ता में आई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार पर टिप्पणी करते हुए दिया. सरकार का ध्यान मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, पिछले पारित किए गए श्रम कानूनों को अगले 12-18 महीनों में लागू करने, स्किल डेवलपमेंट और ब्लू कॉलर जॉब्स पैदा करने पर रहेगा.
UBS Securities on India Growth Rate: यूनिफॉर्म सिविल कोड, वन नेशन,वन इलेक्शन को लागू करना होगा कठिन
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तन्वी गुप्ता जैन ने कहा, "हम मानते हैं कि भूमि सुधार, बुनियादी ढांचे पर बड़ा खर्च, डिसइनवेस्टमेंट, कृषि विधेयक, यूनिफॉर्म सिविल कोड, वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे कठिन सुधारों का कार्यान्वयन चुनौतीपूर्ण होगा." जैन ने कहा कि ग्रोथ की गति मजबूत है और उन्होंने FY25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत पर बनाए रखा है. अगले महीने का केंद्रीय बजट एक महत्वपूर्ण नीति घोषणा होगी और नई सरकार राजकोषीय समेकन पथ को जारी रखेगी.
UBS Securities on India Growth Rate: 5 से 5.1 फीसदी पर रह सकता है भारत का राजकोषीय घाटा
FY25 का राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत या 5 प्रतिशत पर रह सकता है, जिसे आरबीआई द्वारा दिए गए ₹2.11 लाख करोड़ के डिविडेंड से सपोर्ट मिलेगा. जैन ने कहा कि सरकार आरबीआई डिविडेंड से मिले छूट का उपयोग सामाजिक क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने के लिए करेगी, जिससे यह FY25 में 6 प्रतिशत के अंतरिम बजट अनुमान के मुकाबले 8-9 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. बढ़ते सामाजिक क्षेत्र के खर्च से वेलफेयर नीतियों पर ध्यान केंद्रित रहेगा और FY25 में बड़े विनिवेश कदमों की उम्मीद नहीं है.
UBS Securities on India Growth Rate: 2024 में RBI से ब्याज दरों में कटौती की नहीं उम्मीद
जैन ने कहा कि 2024 में आरबीआई से ब्याज दरों में कोई कटौती की उम्मीद नहीं है, लेकिन 2025 में मुद्रास्फीति घटने पर 0.50 प्रतिशत तक की मामूली दर कटौती हो सकती है. यूबीएस सिक्योरिटीज ने यह भी कहा कि कोविड के बाद से 'K-शेप' की ग्रोथ, जिसमें समृद्ध लोग आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, उपभोग वृद्धि और आर्थिक वृद्धि के बीच विरोधाभास को बताती है. FY25 में ग्रामीण उपभोग की बढ़ोत्तरी की उम्मीद है. FY25 के आखिरी तक बेंचमार्क सिक्युरिटी यील्ड 7 प्रतिशत से घटकर 6.6 प्रतिशत हो सकती है.
न्यूज एजेंसी PTI इनपुट के साथ.
07:16 PM IST