देश की 136 करोड़ की आबादी में कितने करोड़ हैं टैक्सपेयर? वित्त मंत्री ने संसद में दी अहम जानकारी
Taxpayers in India: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सभा में बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में 8 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स रहे. इनमें इंडिविजुअल्स और कॉरपोरेट दोनों टैक्सपेयर शामिल हैं.
(File Image Representational)
(File Image Representational)
Taxpayers in India: क्या आप जानते हैं कि देश में कितने करोड़ टैक्सपेयर (Taxpayers) हैं? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद में यह अहम जानकारी दी है. वित्त मंत्री ने राज्य सभा में बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में 8.22 करोड़ टैक्सपेयर्स थे. इनमें इंडिविजुअल्स और कॉरपोरेट दोनों टैक्सपेयर शामिल हैं. वहीं, अगर हम देश की आबादी की बात करें, तो यह करीब 136 करोड़ के आसपास है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ''एसेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए कुल टैक्सपेयर्स की संख्या 8,22,83,407 है. जबकि 1 मार्च 2021 तक देश की अनुमानित कुल आबादी 136.30 करोड़ है.'' टैक्सपेयर्स की इस संख्या में वे व्यक्ति शामिल हैं, इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स का भुगतान करते हैं और जिन्होंने या तो रिटर्न फाइल किया है या जिनके मामले में टीडीएस काटा गया है.
सरकार ने लागू किया NMS सिस्टम
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि सरकार ने नॉन-फाइलर्स मॉनिटरिंग सिस्टम (NMS) लागू किया है, जो ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं की पहचान करने के लिए इन-हाउस जानकारी के साथ-साथ लेनदेन संबंधी डाटा को समझता और विश्लेषण करता है, जिन्होंने संभावित टैक्स लायबिलिटी के साथ हाई वैल्यू फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किए हैं, लेकिन नहीं अपना रिटर्न दाखिल किया.
TRENDING NOW
कमजोर बाजार में खरीद लें जीरो डेट कंपनी वाला स्टॉक! करेक्शन के बाद बन सकता है पैसा, छुएगा ₹930 का लेवल
Stock Market Closed on 15th November: BSE, NSE पर शुक्रवार को नहीं होगी ट्रेडिंग, चेक कर लें छुट्टियों की लिस्ट
Miniratna Defence PSU के कमजोर Q2 नतीजे, मुनाफे में आई 17% गिरावट, गिरते बाजार में शेयर में दिखी तेजी
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
टैक्स नेट में ज्यादा लोगों को लाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट की कोशिश संभावित नॉन-फाइलर्स की पहचान कर उन्हें टैक्स के दायरे में लाना है. इसके लिए आउटरीच प्रोग्राम के जरिए वॉलेंटरी कम्प्लायंस को प्रोत्साहित करना, मास मीडिया के जरिए जागरूकता लाना और फील्ड अथॉरिटीज की ओर से रीजन-स्पेशिफिक स्ट्रैटजी तैयार करने जैसे कदम शामिल है. इसमें इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया को असान बनान और फाइलिंग प्रक्रिया को लागू करने के लिए वैधानिक नोटिस जारी करने जैसी पहल भी है.
इसके अलावा, आईटीआर फाइल करने और बकाया टैक्स चुकाने के लिए टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से ई-मेल और SMS रिमाइंडर्स भी टैक्सपेयर्स को भेजे जाते हैं.
05:58 PM IST