FTA पर ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ से चल रही बातचीत, तेजी लाने के लिए सरकार ने बनाया प्लान
Free Trade Agreements: वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी इस समय ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित विभिन्न देशों के साथ कई एफटीए (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं.
पेरू जैसे लातिनी अमेरिकी देश भी हमारे साथ एफटीए (FTA) में रुचि रखते हैं. (Image- Pexels)
पेरू जैसे लातिनी अमेरिकी देश भी हमारे साथ एफटीए (FTA) में रुचि रखते हैं. (Image- Pexels)
Free Trade Agreements: द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के जरिये आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई देश भारत से संपर्क कर रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) एफटीए पर बातचीत के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रहा है. वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी इस समय ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित विभिन्न देशों के साथ कई एफटीए (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. इस बातचीत में काफी समय लगता है और कुशल मानव संसाधन की जरूरत होती है.
सरकारी अधिकारी ने कहा, बातचीत में काफी समय लगता है, ऊर्जा लगती है और मानव संसाधन की खपत होती है. इसलिए हम वाणिज्य विभाग के भीतर क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. मुक्त व्यापार समझौतों की बातचीत में भारतीय व्यापार सेवा अधिकारियों की भूमिका बढ़ने की उम्मीद है. अधिकारी ने कहा कि पेरू जैसे लातिनी अमेरिकी देश भी हमारे साथ एफटीए (FTA) में रुचि रखते हैं और भारत भी इसपर गहराई से विचार कर रहा है.
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दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह मर्कोसुर (MERCOSUR) भी मौजूदा तरजीही व्यापार समझौतों के दायरे को एफटीए तक बढ़ाने का इच्छुक है. मर्कोसुर में ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पराग्वे शामिल हैं, जबकि बोलीविया और चिली सहयोगी सदस्य हैं. इसका गठन 1991 में क्षेत्र में वस्तुओं, पूंजी, सेवाओं और लोगों की मुक्त आवाजाही के लिए किया गया था.
भारत और गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (GCC) समूह भी एक व्यापार समझौते पर बातचीत करना चाह रहे हैं. भारत ने अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में दिलचस्पी जताई है.
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FTA बातचीत में कॉमर्स डिपार्टमेंट की भूमिका महत्वपूर्ण
एक व्यापार विशेषज्ञ के अनुसार, एफटीए (FTA) बातचीत में वाणिज्य विभाग दल का नेतृत्व करता है. इन वार्ताओं में राजस्व, रसायन, फार्मा, उर्वरक, कपड़ा, भारी उद्योग विभाग और उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) जैसे मंत्रालयों तथा विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
ई-कॉमर्स, श्रम, पर्यावरण और संवहनीयता जैसे नए विषय इन समझौतों में शामिल होने के साथ इनसे जुड़े मंत्रालयों तथा विभागों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो रही है.
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वाणिज्य मंत्रालय वैश्विक व्यापार संवर्धन संगठन (GTOP) स्थापित करने की योजना बना रहा है. एक रिपोर्ट में वाणिज्य विभाग में सुधार के लिए जीटीपीओ की सिफारिश की गई है. जीटीपीओ देश में निर्यात प्रोत्साहन पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित निकाय में प्रमुख पदों पर व्यापार सेवा अधिकारी तैनात होंगे.
एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि इस वार्ता में शामिल सरकारी अधिकारियों को सभी हितधारकों के विचारों को ध्यान से सुनना चाहिए और फिर उसके अनुसार कार्य करना चाहिए.
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03:56 PM IST