Success Story: पट्टे पर जमीन लेकर शुरू की सब्जियों की खेती, अब सालाना ₹10 से 15 लाख कमा रहा बिहार का ये किसान
Success Story: दो दशक पहले खुद सब्जी बेचते थे. खेती के लिए पुश्तैनी जमीन भी नहीं थी. अब लगभग 100 एकड़ जमीन को पट्टे पर लेकर सब्जियों का उत्पादन करते हैं. प्रति वर्ष पट्टे की रकम चुकता कर 10 से 15 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.
Success Story: खेत को अपनी प्रयोगशाला बनाने वाले किसान कभी विफल नहीं होते. बिहार के इस किसान ने इसे साबित कर दिखा है. रोहतास जिले के सासाराम के रहने वाले किसान दिलीप कुमार सिंह इंटर पास हैं. दो दशक पहले खुद सब्जी बेचते थे. खेती के लिए पुश्तैनी जमीन भी नहीं थी. अब लगभग 100 एकड़ जमीन को पट्टे पर लेकर सब्जियों (Vegetable Cultivation) का उत्पादन करते हैं. प्रति वर्ष पट्टे की रकम चुकता कर 10 से 15 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.
ट्रेनिंग लेकर शुरू की खेती
इस सफलता के पीछे उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और समय-समय पर प्रशिक्षण रहा. खुद खेती का मन बनाया तो स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लिया. फिर बीएचयू वाराणसी से जैविक सब्जियों के उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त किया. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी से नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की. इसके बाद सब्जियों की खेती शुरू की. टमाटर, बैंगन और करेले पर फोकस किया. इनकी विलुप्त हो रही प्राचीन प्रजाति के बीज को विकसित कर खेती शुरू की. बाद के दिनों में इसे नई पीढ़ी को उपलब्ध कराया.
ये भी पढ़ें- धान, गेहूं से ज्यादा कमाई कराएगी ये फसल, बाजार में जबरदस्त डिमांड
राष्ट्रपति से मिला पुरस्कार
TRENDING NOW
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
Maharashtra Election 2024: Mahayuti की जीत के क्या है मायने? किन शेयरों पर लगाएं दांव, मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने बताया टारगेट
औषधीय गुणों से भरपूर टमाटर की प्रजाति 'गुलगुशन' के लिए उन्हें इस साल जीनोम सेवियर अवार्ड से राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने पुरस्कृत किया. उन्हें प्रशस्ति पत्र, शाल, 1 लाख रुपये और प्रतीक चिह्न मिले. खेती में इनोवेशन के लिए उन्हें जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं.
उन्होंने सबजी उत्पादन के क्षेत्र में अंतर-फसल, मिश्रित-फसल, फसल में मानव संसाधनों की त्रिस्तरीय प्रबंधन प्रणाली को अपनाया. नवोन्मेषी प्रबंधन पैकेज परिवर्तन लगाकर जिले में अलग-अलग फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन में योगदान दिया.
01:19 PM IST