6 दिनों की ट्रेनिंग का कमाल! बंजर जमीन से भी उगा लिए पैसा, सिर्फ 3 हजार खर्च कर कमा लिया ₹2.5 लाख
Natural Farming: जहां लोग बढ़ती लागत और मौसम की मार से खेती लायक जमीन को बंजर छोड़ रहे है, वहीं कुछ ऐसे किसान भी हैं जो अपनी मेहनत से बंजर जमीन से भी पैसे उगा रहे हैं.
प्राकृतिक खेती से बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ. (Photo- HP Agri Dept)
प्राकृतिक खेती से बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ. (Photo- HP Agri Dept)
Natural Farming: एक ओर जहां लोग खेती करने लायक जमीन की बढ़ती लागत और मौसम में बदलाव से आई मुश्किलों की वजह से बंजर छोड़ रहे हैं, वहीं कुछ किसान बंजर जमीन को भी खेती योग्य बना इसमें अलग-अलग फसले लगा रहे हैं. ऐसी ही एक मिसाल पेश किया है हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के किसान राजिंदर कंवर ने जिन्होंने 75 साल की उम्र में इस मुश्किल काम को पूरा किया.
प्राकृतिक खेती से बंजर जमीन को बनाया उर्वरा
धुन के पक्के राजिंदर के मुताबिक, बंजर जमीन को खेती लायक बनाने का काम सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती (Prakritik Kheti) ने आसान किया. उसने बताया कि 2019 में उन्होंने झांसी में पालेकर जी से प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. 6 दिन की ट्रेनिंग में प्राकृतिक खेती के अलग-अलग आदान बनाने, इस्तेमाल, कीट-रोग निवारण आदि को सीखा. घर लौटने के बाद अपनी खेती वाली जमीन में जब उन्होंने प्राकृतिक खेती से सफलता प्राप्त की तो इससे उनका हौसला बढ़ गया. फिर उन्होने बंजर जमीन को खेती लायक बनाने की चुनौती स्वीकार की और इसमें भी सफलता मिली.
ये भी पढ़ें- Business Idea: अपनी जेब से ₹2 लाख लगाकर शुरू करें ये धांसू बिजनेस, हर महीने होगी लाखों में कमाई, जानिए पूरी डीटेल
खरीदी साहिवाल नस्ल की गाय
TRENDING NOW
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
बाजार की तेजी में और चमक सकते हैं ये शेयर; हफ्तेभर के लिए खरीदारी की सलाह, एक्सपर्ट ने तैयार की तगड़े शेयरों की लिस्ट
राजिंदर ने बताया कि प्राकृतिक खेती विधि की निंग लेकर जब घर लौटे तो उन्होंने साहिवाल नस्ल (Sahiwal Cow) की गाय खरीदी. गाय के गोबर-मूत्र और स्थानीय वनस्पतियों से आदान बनाकर उन्होंने खेतों में इस्तेमाल शुरू किया. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, उन्होंने कभी रासायन खेतों में नहीं डाले तो उन्हें जल्दी ही अच्छे नतीजे मिल गए. इसके बाद वह और उत्साह से खेतों में जुट गए.
3 तरह की उगाई गेहूं
उन्होंने बताया कि वो प्राकृतिक खेती से 3 तरह की गेहूं उगाई है जिसमें स्थानीय किस्म के साथ, बंसी और काली गेहूं भी शामिल है. मिश्रित खेती के तौर पर उन्होंने गेहूं के साथ सरसों और मटर की फसल भी ली. उनके मुताबिक, प्राकृतिक खेती में स्थानीय बीजों का बड़ा महत्व है. वो अपनी खेती में स्थानीय बीजों का ही इस्तेमाल करते हैं.
लाखों में हुई कमाई
राजिंदर के पास कुल 20 करनाल यानी 10 बीघा जमीन है. इसमें वो प्राकृतिक खेती से गेहूं, भिंडी, चना, मटर, टमाटर, सरसों, घीया, तोरी और खीरा उपजाते हैं. प्राकृतिक खेती में खर्च सिर्फ 3,000 रुपये लगाकर 2,50,000 रुपये की कमाई की.
ये भी पढ़ें- 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, अब खेती से कर रहा मोटी कमाई, आप भी उठाएं फायदा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
TAGS:
04:35 PM IST