बीमारियों से तंग आकर छोड़ी रासायनिक खेती, अब इस खेती से कर रही लाखों में कमाई, जानिए इसके फायदे
Prakritik Kheti: प्राकृतिक खेती वह खेती होती है, जिसमे फसलों पर किसी भी प्रकार का रासायनिक कीटनाशक और खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
प्राकृतिक खेती से बढ़ी कमाई. (Photo- HP Agri Dept)
प्राकृतिक खेती से बढ़ी कमाई. (Photo- HP Agri Dept)
Prakritik Kheti: रासायनिक खेती का सेहत पर हानिकारक असर होता है. इससे कई बीमारियां पैदा हो जाती हैं. सब्जियां उगाकर परिवार का भरण-पोषण करने वाली महिला किसान शोभा देवी के परिवार के लोग जब आए दिन बीमार रहने लगे तो उन्होंने खेतों में प्रयोग होने वाले रसायनों को बंद करने का फैसला लिया. वो कहती हैं कि सब्जियों में अच्छी पैदावार और कीटों से रक्षा के लिए वे इसमें जमकर खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल करती थी. जिसका असर उनके पति की सेहत और अन्य परिवारवालों की सेहत पर होने लगा. इसलिए उन्होंने अपने परिवार और ग्राहकों के सेहत का ध्यान रखते हुए जैविक खेती (Organic Farming) करना शुरू किया.
शोभा देवी के मुताबिक, जैविक खेती में अधिक मात्रा में केंचुआ खाद और अन्य बाजार आधारित उत्पादों के प्रयोग के बावजूद उत्पदान कम हो गया जिससे उनको ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा. उनको प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग पालमपुर विश्वविद्यालय से लिया.
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प्राकृतिक खेती के फायदे
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वो बताती हैं कि प्राकृतिक खेती विधि से पहले ही साल में उनके उत्पादन में किसी प्रकार की कमी नहीं आई. वे बताती हैं कि जहां पहले रसायनों और खादों के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ते थे वे भी बच रहे हैं साथ ही रासायनमुक्त होने के चलते बाजार में उनकी सब्जियां जल्दी और अच्छे दामों में बिक रही हैं. उनका कहना है कि किसानों खासकर महिला किसानों को अपने खेतों में लाकर प्राकृतिक खेती का मॉडल दिखाती हूं और इस खेती विधि से हुए फायदे के बारे में जानकारी देती हूं.
मिली नई पहचान
उनका कहना है कि प्राकृतिक खेती (Prakritik Kheti) से जुड़ने के बाद उन्हें नई पहचान मिली. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, वो प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों से अपना अनुभव साझा करती है. इसके अलावा वे अपने साथ क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती से जोड़ने का काम कर रही हैं. वो अब पॉलीहाउस में भी प्राकृतिक खेती का मॉडल खड़ा किया है. वो अपने क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणाश्रोत बन चुकी हैं और उनकी देखा-देखी में क्षेत्र के अन्य किसान भी इस खेती विधि से जुड़ रहे हैं.
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प्राकृतिक खेती से कम खर्च में अच्छी कमाई
शोभा देवी अपने खेतों में मटर, फूलगोभी, मूली, भिंडी, फ्रासबीन, घीया, गेहूं, खीरा, गेंदा और आलू की खेती करती हैं. उनका कहना है कि रसायनिक खेती में 8000 रुपये का खर्च आता था और 70000 रुपये की कमाई होती थी. लेकिन अब प्राकृतिक खेती (Natural Farming) में खर्च सिर्फ 3000 रुपये है और मुनाफा 80000 रुपये से ज्यादा है.
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03:43 PM IST