Ola-Uber की नहीं चलेगी मनमानी! इस राज्य में कंज्यूमर की शिकायतों का होगा फटाफट निपटारा, बनी 6 सदस्यीय कमिटी
OLA-Uber Cab Complaints: महाराष्ट्र सरकार ने ऑनलाइन ऐप और वेब पर आधारित कैब एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने के लिए उनके सरचार्ज किराए और नियम कानून तय करने के लिए 6 सदस्यों की कमिटी का गठन किया है.
OLA-Uber Cab Complaints: कई बार कैब को बुक कराते समय आपने अलग-अलग तरह की दिक्कतों का सामना किया होगा. ये दिक्कतें कई तरह की हो सकती हैं. लेकिन अब आगे से सरकार इस पर पैनी नजर रखने वाली है और इसे कंट्रोल करने वाली है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने ऑनलाइन ऐप और वेब पर आधारित कैब एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने के लिए उनके सरचार्ज किराए और नियम कानून तय करने के लिए 6 सदस्यों की कमिटी का गठन किया है. ये कमिटी कैब एग्रीगेटर्स से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए गठित की गई है. बता दें कि बीते कई दिनों से सरकार को कैब एग्रीगेटर्स से जुड़े कई शिकायतें काफी समय से आ रहे थी जिसके चलते सरकार ने अब ऐसे कैब एग्रीगेटर्स पर नकेल कसने का मन बना लिया है. राज्य सरकार ने इस कमेटी को 3 महीने के अंदर सुझाव देने को कहा है और एक ड्राफ्ट नियमों के मॉडल को तैयार करने को कहा है.
कैब बुकिंग को लेकर शिकायतें
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई लोगों ने ऐसी शिकायत की थी कि कैब को बुकिंग करते समय उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था जिनमें सुरक्षा के अलावा स्वच्छता और पेमेंट जैसी दिक्कतें प्रमुख हुआ करती थी. इसके बाद सरकार ने ओला उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स की मनमानी रोकने के लिए मन बना लिया और इस पैनल का गठन किया.
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यात्रियों को हैं कई उम्मीदें
बता दें कि कैब का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को इस पैनल से कई उम्मीदे हैं. इस पैनल में नियमों में सर्ज प्राइसिंग यानी कि प्राइस के बढ़ने की सीमित दायरे में रखने के प्रावधान हैं. इसके अलावा सरकार का फोकस उपभोक्ता निवारण प्रणाली मजबूत करने पर है.
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सुरक्षा उपायों को किया जा सकता है शामिल
ऐसा बताया जा रहा है कि पैनिक बटन स्थापित करने जैसे अन्य सुरक्षा उपायों को शामिल किया जा सकता है. महाराष्ट्र सरकार और टैक्सी प्लेटफॉर्म के बीच बढ़ते टकराव के बाद इस फैसले को लिया गया है. इसके अलावा आम जनता और बड़े पैमाने पर यात्रियों की सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि 6 सदस्यीय समिति सिफारिशों का सुझाव देगी और अगले तीन महीनों में मामले पर एक रिपोर्ट पेश करेगी. इस समिति के अध्यक्ष IAS सुधीर कुमार श्रीवास्तव (RETD) होंगे.
03:28 PM IST