कहीं Credit Mix तो नहीं बिगाड़ रहा आपका सिबिल स्कोर? जानिए ये होता क्या है और कैसे क्रेडिट स्कोर पर असर डालता है
लोन की रीपेमेंट हिस्ट्री के अलावा और भी तमाम फैक्टर्स हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं. उन्हीं में से एक है क्रेडिट मिक्स. सिबिल स्कोर के मामले में क्रेडिट मिक्स का संतुलन बहुत जरूरी है.
सिक्योर्ड लोन हो या अनसिक्योर्ड, लोन के मामले में सिबिल स्कोर बहुत जरूरी होता है. ज्यादातर लोग समझते हैं कि सिबिल स्कोर आपके पिछले लोन की रीपेमेंट हिस्ट्री को देखकर तैयार किया जाता है. ये सच भी है, लेकिन पिछले लोन की रीपेमेंट हिस्ट्री के अलावा और भी तमाम फैक्टर्स हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं. उन्हीं में से एक है क्रेडिट मिक्स. सिबिल स्कोर के मामले में क्रेडिट मिक्स का संतुलन बहुत जरूरी है. यहां जानिए इसके बारे में-
क्या है क्रेडिट मिक्स और कैसे सिबिल स्कोर पर असर डालता है
आपने कितने अनसिक्योर्ड लोन और कितने सिक्योर्ड लोन पहले लिए हैं, इससे आपका क्रेडिट मिक्स सामने आता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपने पहले अन-सिक्योर्ड लोन जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड वगैरह कई बार लिए हैं, लेकिन सिक्योर्ड लोन बहुत ज्यादा नहीं लिया, तो इससे बैंक को मैसेज जाता है कि आपके पास फंड की कमी है और क्रेडिट पर आपकी निर्भरता बहुत ज्यादा है. इससे आपके सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है.
वहीं अगर आप जरूरत पड़ने पर सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों तरह के लोन लेते रहे हैं, और सभी का भुगतान भी समय पर किया है, तो बैंक को मैसेज जाता है कि आप हर तरह के लोन को मैनेज करने में समर्थ हैं. ऐसे में आपका क्रेडिट मिक्स संतुलित रहता है और आपका सिबिल स्कोर बेहतर होता है. यही वजह है कि ज्यादातर एक्सपर्ट अनसिक्योर्ड लोन ज्यादा बार लेने के लिए मना करते हैं.
इन फैक्टर्स से भी प्रभावित होता है क्रेडिट स्कोर
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क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो
आपके पास जितनी क्रेडिट लिमिट है उसका जितना प्रतिशत आप उपयोग करते हैं, उतना ही आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है. क्रेडिट कार्ड की जितनी भी लिमिट है, उसकी 30 फीसदी तक का ही इस्तेमाल करें. बहुत ज्यादा बड़ी खरीद क्रेडिट कार्ड से करने से बचें. ज्यादा क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो ये दिखाता है कि आपकी क्रेडिट कार्ड पर निर्भरता बहुत ज्यादा है. इससे आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है.
क्रेडिट हिस्ट्री
आप जब पहली बार लोन लेते हैं या क्रेडिट कार्ड लेते हैं, तभी से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बननी शुरू हो जाती है. सिबिल स्कोर तैयार करते समय आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को भी देखा जाता है. आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कितनी पुरानी है और आपने पहले भी लोन लेने के बाद या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के बाद समय से भुगतान किया है या नहीं, ये सभी चीजें देखी जाती हैं. इस क्रेडिट हिस्ट्री का असर भी आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है.
लोन रीपेमेंट हिस्ट्री
अगर आपने पहले कभी लोन लिया है या आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो इनकी रीपेमेंट हिस्ट्री को देखा जाता है. यानी आप समय पर EMI का भुगतान करते हैं या नहीं, इससे आपके सिबिल स्कोर प्रभावित होता है. समय से लोन की ईएमआई देने से आपका सिबिल स्कोर बढ़ता है और न देने से ये घटता है.
अन्य फैक्टर्स
इनके अलावा भी कुछ और चीजों से आपके सिबिल स्कोर को कैलकुलेट किया जाता है जैसे-आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी, आपने पहले कभी लोन सेटलमेंट किया है, आप किसी के लोन के गारंटर हैं और उसका भुगतान नहीं हो रहा है आदि. इन सभी का भी आपके सिबिल स्कोर पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे आपका स्कोर खराब हो सकता है.
04:38 PM IST