ग्राहकों को पैसा उधार देने वाले बैंक खुद भी सामना करते हैं कई तरह के जोखिमों का, क्या आप जानते हैं इनके बारे में
बैंक इतने बड़े स्केल पर काम करते हैं कि रोजाना ही कई तरह के रिस्क का सामना बैंकों को करना पड़ता है. आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ जोखिमों के बारे में.
कहते हैं रिस्क लेने का रिवॉर्ड होता है बाद में मिलने वाला मुनाफा. बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए ये बात पूरी तरह से सार्थक होती है. क्योंकि बैंक सबसे ज्यादा रिस्क से एक्स्पोज होते हैं. एक सक्सेसफुल बैंकर वही है जो इन रिस्क को कम करते हुए अच्छे रिटर्न्स हासिल करने तरीके ढूंढ सकें. रिस्क को कम तभी किया जा सकता है जब बैंकों की रिस्क के बारे में जानकारी ठीक तरह से हो. रिस्क क्या हैं और क्यों सामने आ रही हैं इनके कारण पता हों. आइये जानते हैं ऐसे जोखिमों के बारे में जिनका सामना बैंकों द्वारा आए दिन किया जाता है.
1. क्रेडिट रिस्क
क्रेडिट रिस्क ज्यादातर बैंकों के सामने borrower द्वारा लोन लेकर उनके रीपेमेंट न करने की रिस्क के कारण ही होती है. हालांकि इसमें बड़ा हिस्सा ऐसी पेमेंट का होता है जिन्हें लौटाया नहीं गया तो वहीं बैंक देर से पेमेंट होने वाले मामलों को भी इसमें शामिल कर लेते हैं. इस तरह के मामले ज्यादातर कस्टमर के इन्सोल्वेंट होने के कारण होते हैं. ऐसा न हों इसके लिए बैंक पहले से तैयार रहते हैं, बैंक लोन देने से पहले कस्टमर के वर्क प्रोफाइल और इनकम की पूरी जांच करते हैं. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये कस्टमर लंबे समय तक इनकम अर्न करता रहेगा. और डीफॉल्ट नहीं होगा. इसके लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी बेहद काम में आती हैं.
2. मार्केट रिस्क
बैंक बड़े रूप से मार्केट रिस्क से भी डील करते हैं. जैसे कि अगर बैंक ने बड़े अमाउंट में इक्विटी होल्ड किया हुआ है तो बैंक इक्विटी रिस्क का समाना करते हैं. इसी तरह बैंक फॉरेन एक्सचेंज होल्ड करते हैं जिसकी वजह से उन्हें फोरेक्स रिस्क का भी सामना करना पड़ता है. इसके अलावा बैंक कमोडिटी जैसे गोल्ड, सिल्वर और रियल स्टेट के खिलाफ पैसा भी देते हैं. जिसकी वजह से बैंक कमोडिटी रिस्क से भी एक्स्पोज हो जाते हैं.
3. ऑपरेशनल रिस्क
TRENDING NOW
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
SIP Vs PPF Vs ELSS: ₹1.5 लाख निवेश पर कौन बनाएगा पहले करोड़पति? जानें 15-30 साल की पूरी कैलकुलेशन, मिलेंगे ₹8.11 Cr
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
बैंक रोजाना बड़े स्केल पर सर्विस प्रोवाइड करते हैं. शहर हों देश-विदेश हो पैसों का आदान-प्रदान और कई तरह की सर्विस का एक्सचेंज रोजाना होता है. ऐसे में बैंकों के सामने ऑपरेशनल रिस्क का खतरा रोजाना होता है. इसका उदाहरण है, जैसे कि गलत कस्टमर के अकाउंट में पैसा चला जाना. या फिर किसी कस्टमर का पैसा फंस जाना. इस तरह के ऑपरेशनल रिस्क बैंक बड़े स्केल पर सामना करता है. इसके अलावा भी बैंकों को नैतिक जोखिमों, लिक्विडिटी रिस्क, बैंकों की प्रतिष्ठा से जुड़े कई जोखिमों का भी सामना करना पड़ता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
11:54 AM IST