Budget Tea-20: "चाय और चीनी का खेल", 'पहले जैसी मिठास वापस लाओ'
चीनी पर GST: छोटी-सी बस्ती में रामलाल टी स्टॉल की रौनक हर सुबह देखने लायक होती है. ठंडी हवा, चाय की महक और गांववालों के तंज, यह सब यहां की रोजमर्रा की कहानी है. इस बार चर्चा का विषय है- “चाय और चीनी का खेल”.
"बजट 2025 (Budget 2025 expectations) आने वाला है और देशभर में चाय की प्याली में गर्मागरम चर्चाएं हो रही हैं. मेरठ के पास बसे सरधना में गन्ने के खेतों के बीच रामलाल की टपरी पर चाय और चीनी के खेल (Tea and sugar GST impact) पर चर्चा इस बार कुछ अलग ही है. महंगाई, GST और सरकार की नीतियों पर ग्रामीण भारत की यह बातचीत (Rural India budget talks) आपको सोचने पर मजबूर कर देगी." छोटी-सी बस्ती में रामलाल टी स्टॉल की रौनक हर सुबह देखने लायक होती है. ठंडी हवा, चाय की महक और गांववालों के तंज (Indian budget tea stall gossip), यह सब यहां की रोजमर्रा की कहानी है. इस बार चर्चा का विषय है- “चाय और चीनी का खेल”. चाय की चुस्कियों के साथ हर किसी की चीनी की कीमतों, GST पर हर अपनी-अपनी राय है.
इस बार की चर्चा के कैरेक्टर्स हैं:
रामलाल चायवाला- चाय बनाते हुए हर बहस में तंज कसने वाला, खुद को 'चाय का विशेषज्ञ' मानता है.
भोलू पहलवान- बड़े-बड़े डायलॉग मारने वाला, लेकिन तर्क के बजाय ताकत पर भरोसा करता है. बिना बात के भी गुस्सा करना और अपनी बात मनवाने की ज़िद रखने वाला.
चुन्नू डीजे- गांव के युवा संगीत प्रेमी, सरकार पर मजेदार मीम्स बनाने में माहिर. मीम्स का तड़का डालना कला है.
लल्लन काका- उम्रदराज लेकिन तर्क-वितर्क के लिए हमेशा तैयार.
पप्पू किसान- गांव का होशियार किसान, जो हर चर्चा को अपनी खेती-बाड़ी से जोड़ देता है.
चाय और चीनी का खेल
चाय का पहला दौर शुरू होते ही पप्पू किसान ने शिकायत की, “क्या रामलाल, आज चाय बड़ी फीकी लग री है?”
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रामलाल ने जवाब दिया, “चीनी महंगी हो गई है पप्पू भैया, इस पर GST लगे है. चाय की मिठास भी सरकार की मर्जी से आवे है.”
भोलू पहलवान गुस्से में लाल-पीला होते हुए, “सरकार को चाय के साथ खिलवाड़ करने का हक किसने दिया? पेट्रोल-डीजल कम था क्या अब हमारी सुबह की चाय भी फीकी कर दी.”
चुन्नू डीजे ने बीच में टपकते हुए कहा, “पहलवान भैया, देखो मैंने क्या बनाया है- चाय महंगी, चीनी महंगी, GST के बाद चाय की प्याली में सिर्फ आंसू बचेंगे.”
चीनी पर GST: बहस छिड़ी
लल्लन काका ने चुन्नू को डांटते हुए कहा, “तुझे हर बात पर बस मसखरी सुझे है. ये कोई मजाक का मुद्दा है? चीनी पर GST बढ़ाकर सरकार हमारी जेब से ही सबकुछ लेना चाहवे है. पहले से ही सब कुछ महंगा है, अब ये भी?”
रामलाल ने अपने अंदाज में तंज कसा, “काका, सरकार ने ये सोचा होगा कि चीनी कम खाओगे तो सेहत ठीक रहेगी. और हमारी वित्त मंत्री तो कहवे ही है ना- प्याज न खाती. अब लगे चीनी भी छोड़ दी.”
पप्पू किसान ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “रामलाल, सरकार की नीतियां समझने आसान न है. बड़ी किताबें पढ़नी पड़े. हम तो सिर्फ यही जानते हैं कि हर चीज महंगी हो रही है और हमारी फसल के दाम वहीं के वहीं हैं.”
भोलू पहलवान ने पप्पू की बात को काटते हुए कहा, “फसल की बात छोड़ो, पप्पू. चाय और चीनी पर चर्चा करो. सरकार तो चाहवे है हम चाय पीना छोड़ दें. लेकिन ऐसा होने नहीं दूंगा, चाय हमारी रगों में दौड़े है.”
तर्क-वितर्क का दौर
चुन्नू ने मजाकिया लहजे में कहा, “पहलवान भैया, अब तो एक नई स्कीम आनी चाहिए- ‘चाय पर सब्सिडी’. हर गांव को सस्ती चाय मिलेगी.”
लल्लन काका ने गुस्से में कहा, “अरे चुन्नू, तू फिर कूद रिया है. चाय हमारी लाइफलाइन सै. पहले चीनी महंगी की, अब उस पर GST दो, मैं तो कहूं हूं कोई सरकार को बताने वाला ना है कि GST हटाओ, फिर चाय का आनंद पाओ.”
रामलाल ने घुमा फिरा के फिर वही बात कह दी, “काका, सरकार ने शायद ये सोचा होगा कि चाय महंगी कर दो तो लोग कम पिएंगे और पैसे बचाएंगे. फिर और टैक्स लगा दो, जेब तो म्हारी ही काटे है”
पप्पू किसान ने हंसते हुए कहा, “रामलाल, अगर सरकार बचत की इतनी चिंता करती है तो पहले खुद अपनी खर्चीली स्कीमें बंद करे. ये GST गरीबों के लिए नहीं, अमीरों के फायदे के लिए है. किसान तो नू ही पिस रहा.”
चाय की चुस्की के साथ विचारों का मंथन
लल्लन काका फिर गुस्से में खौलते हुए- “देखो अब बजट भी आने वाला- इसमें भी ये मंत्री फिर कुछ महंगा कर देगी. चाय और चीनी सिर्फ एक पेय और स्वाद की बात नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत की दिनचर्या और संस्कृति का हिस्सा है. जब चाय की चुस्की पर भी टैक्स लगने लगे, तो आम आदमी कहां जावेगा.”
पप्पू किसान ने चलते-चलते कहा, “चीनी पर GST हटाओ और चाय को पहले जैसी मिठास वापस लाओ.”
चुन्नू, “भैया, लो एक और तैयार है गर्मगरमाता- ‘चाय की प्याली में महंगाई का तूफान.”
चाय के इस खेल में तंज, हंसी, और बहस के साथ ये चर्चा कहां तक जाती है ये चाय की प्याली खत्म होने से तय होता है. मगर रामलाल की टपरी पर चाय खौलती है तो मुद्दे भी गर्मी पकड़ लेते हैं. अगली चर्चा का इंतजार रहेगा.
03:25 PM IST