बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर नियम होंगे सख्त, अकाउंट खोलने के लिए लेनी होगी माता-पिता की परमिशन
Digital Personal Data Protection Rules, 2025:सरकार ने बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा नियमों का मसौदा जारी किया है. इसमें उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं है.
Digital Personal Data Protection Rules, 2025: सरकार ने लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए नए नियमों का एक शुरुआती मसौदा जारी कर दिया है. इसमें उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. मसौदे के मुताबिक बच्चों और दिव्यांगों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी. ड्राफ्ट में साफ कहा गया है कि डाटा की सुरक्षा प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी होगी. मसौदे के संबंध में आप अपनी राय या सुझाव MyGov पोर्टल पर 18 फरवरी 2025 तक दे सकते हैं.
कंपनियों पर लग सकता है जुर्माना, देनी होगी ये जानकारी
डिजिटल व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा नियमों के मसौदा के मुताबिक यह कानून सभी पर लागू होगा,चाहे वह सरकारी संस्था हो या प्राइवेट कंपनी. इसके अलावा, कुछ खास कंपनियों को और भी नियमों का पालन करना होगा, जैसे हर साल अपनी डेटा सुरक्षा प्रणाली की जांच करना. अगर कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. कंपनियों को आपको यह बताना होगा कि वे आपकी कौन सी जानकारी क्यों और कैसे इकट्ठा कर रहे हैं.
जानकारी के इस्तेमाल के लिए लेनी होगी सहमति
ड्राफ्ट के मुताबिक कंपनियों को आपकी जानकारी का इस्तेमाल करने से पहले आपकी सहमति लेनी होगी. साथ ही आपको अपनी जानकारी देखने, बदलने या हटाने का अधिकार होगा. भाषा साफ और आसान शब्दों में रखना जरूरी है. प्लेटफॉर्म्स को कंसेंट मैनेजर नियुक्त करना होगा, उसके लिए बोर्ड के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा. डाटा सुरक्षा के लिए जरूरी व्यवस्था, Encryption और अन्य तकनीकी अपग्रेड करना होगा. बैकअप, लॉगिन के साथ डाटा का इस्तेमाल तय होगा और पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करनी होगी.
समय-समय पर डिलीट करना होगा डेटा
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मसौदे के मुताबिक डेटा ब्रीच की जानकारी अथवा सूचना पर तत्काल एक्शन लेना होगा. सरकारी एजेंसी के साथ ये जानकारी शेयर करनी होगी. कानूनी तौर पर जरूरी डाटा के अलावा अन्य डेटा को समय-समय पर डिलीट करना होगा. डिलीट करने के 48 घंटे पहले जानकारी करना जरूरी है. कंपनियां अपनी वेबसाइट, ऐप पर अपने डाटा प्रोटेक्शन अधिकारी और नियमों को लेकर अपडेट करेंगी. वहीं, देश के बाहर डाटा ट्रांसफर नहीं होगा, साथ ही जानकारी देनी होगी. डाटा की प्रोसेसिंग के लिए कानून से कोई छूट नहीं होगी.
सत्यापन के लिए करना होगा जरूरी तकनीकी अपग्रेड
ड्राफ्ट के मुताबिक बच्चों की उम्र की जानकारी और सत्यापन के लिए जरूरी तकनीकी अपग्रेड करना होगा ताकि बच्चों के डाटा का गलत इस्तेमाल नहीं हो. बच्चों के अकाउंट गलत जानकारी के साथ न बनें ये कंपनी को सुनिश्चित करना होगा. बच्चे के मामले में, डेटा संभालने वाली संस्था को भरोसेमंद पहचान के दस्तावेज या ऐसे दस्तावेज से जुड़े डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करके यह पक्का करना होगा कि सहमति देने वाला व्यक्ति एडल्ट है और बच्चे का माता-पिता है.
11:53 PM IST