World No Tobacco Day 2023: गुटखा, सिगरेट, हुक्का, सिगार…जानिए आपकी सेहत पर ये किस तरह करते हैं वार
Anti Tobacco Day 2023- भारत समेत तमाम जगहों पर तंबाकू का सेवन ज्यादातर 4 तरीकों से किया जाता है और हर तरीका सेहत को अलग-अलग तरह से नुकसान पहुंचाता है. यहां जानिए किस तरह ये आपकी सेहत पर असर डालता है.
गुटखा, सिगरेट, हुक्का, सिगार…जानिए आपकी सेहत पर ये किस तरह करते हैं वार
गुटखा, सिगरेट, हुक्का, सिगार…जानिए आपकी सेहत पर ये किस तरह करते हैं वार
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की बड़ी वजह तंबाकू को माना जाता है. इसके अलावा तंबाकू ब्रेन स्ट्रोक, सीओपीडी और हार्टअटैक जैसी बीमारी का रिस्क बढ़ाती है. दुनियाभर में हर साल लाखों लोग इसके कारण अपनी जान गंवाते हैं. फिर भी हैरानी की बात ये है कि मौत के करीब ले जाने वाले इस शौक का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है, बल्कि समय के साथ बढ़ता जा रहा है. तंबाकू के नुकसान को लेकर लोगों को अलर्ट करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day 2023) मनाया जाता है. आइए आज इस मौके पर आपको बताते हैं कि तंबाकू आपकी सेहत पर कैसे असर डालती है.
इस मामले में पल्मोनरी एक्सपर्ट डॉ. निष्ठा सिंह कहती हैं कि भारत समेत तमाम जगहों पर तंबाकू का सेवन ज्यादातर 4 तरीकों से किया जाता है. पहला पान मसाला या गुटखा, दूसरा सिगरेट, तीसरा हुक्का और चौथा सिगार वगैरह के जरिए, इन चारों तरीकों से शरीर को अलग-अलग तरह से नुकसान झेलना पड़ता है. जानिए किस तरह इनसे आपकी सेहत पर असर पड़ता है-
पान मसाला या गुटखा
भारत की बात करें तो यहां एक बड़ी आबादी के बीच पान मसाला, गुटखा वगैरह के तौर पर तंबाकू लेने का चलन है. पान मसाले और गुटखे के तौर पर तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर के रिस्क को कई गुना बढ़ाता है. इससे गले के कैंसर का खतरा भी बढ़ता है. इसके अलावा तंबाकू में मौजूद निकोटिन हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है. पान मसाला, गुटखा आपकी भूख को मारता है और शरीर को अंदर से खोखला बना देता है. आपके दांतों और मसूड़ों में सड़न पैदा करता है.
सिगरेट
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पिछले कुछ समय से सिगरेट का चलन भी तेजी से बढ़ा है. सिगरेट में बेनजीन, टार, फोर्मलडीहाइड, आर्सेनिक, निकोटीन जैसे हानिकारक तत्व होते हैं. ये शरीर में कई गंभीर रोगों की वजह बनते हैं. इसके कारण दिल का दौरा और ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है. साथ ही फेफड़ों, गले, मुंह, किडनी, ब्लैडर, पैंक्रियाज और पेट के कैंसर का खतरा बढ़ता है. इसके धुएं से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करती है. सबसे बड़ी बात स्मोकिंग करने वाले को इससे जितना नुकसान होता है, उतना ही उस व्यक्ति के साथ रहकर स्मोकिंग का सामना करने वाले को भी होता है क्योंकि स्मोकिंग का धुआं उसके शरीर में भी पहुंचता है.
हुक्का
हुक्के का चलन पहले गांव तक सीमित था, लेकिन अब ये शहरों में भी एक शौक बन गया है. तमाम रेस्त्रां, होटल, बार में हुक्के का चलन तेजी से बढ़ा है. तंबाकू वाला हुक्का भी आपके शरीर में कई तरह के कैंसर का रिस्क बढ़ाता है. साथ ही हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाता है. हुक्के के पाइप से कई तरह के इंफेक्शन का रिस्क बढ़ता है.
सिगार
सिगार पहले के समय में काफी चलता था, लेकिन अब का चलन बहुत कम है. सिगार सीधेतौर पर मुंह को प्रभावित करता है और इससे मुंह और गले के कैंसर का रिस्क बढ़ता है. इसके कारण कम समय में ही दांत गिरने लगते हैं. इसके अलावा ये धमनियों में ब्लॉकेज की समस्या पैदा कर सकता है, जिसके कारण हार्ट अटैक का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.
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