जब कुंभ में नहाने पर भी लगता था टैक्स, कमाई का 10 फीसदी ले जाती थी 'सरकार'
Written By: कुमार सूर्या
Thu, Jan 16, 2025 01:38 PM IST
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में चौथे दिन श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार है। देश-दुनिया से लोग यहां आए हुए हैं, जो यहां दैवीय आनंद की अनुभूति प्राप्त कर रहे हैं। इस साल कुंभ मेला अपने आप में अद्भुत है, क्योंकि ये एक पूर्ण महाकुंभ है, जो कि हर 144 साल में एक बार आता है. सरकार भी इस मेले में आए सभी श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए हर संभव उपाय कर रही है. लेकिन क्या आपको पता है कि एक समय कुंभ में स्नान करने के लिए लोगों को टैक्स भी चुकाना पड़ता था और ये टैक्स आपकी कमाई के 10 फीसदी से भी ज्यादा होता था.
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किस सरकार में कुंभ पर लगता था टैक्स?
जब भारत में अंग्रेजों का शासन था उस समय लोगों को कुंभ में नहाने क लिए टैक्स देना पड़ता था. यूनाइटेड किंगडम के वेल्स में जन्मीं Fanny Parkes ने बताया कि 1806 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने Pilgrim Tax कलेक्शन खुद लेना शुरू किया था और कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसके ऊपर भी टैक्स लगाना शुरू कर दिया है.
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कितना लगता था कुंभ टैक्स?
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क्या है कुंभ मेला
कुंभ मेला भारत का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जनसमूह भी कहा जाता है. यह मेला हिंदू धर्म के सबसे पवित्र आयोजनों में से एक है, जिसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत, योगी, और पर्यटक भाग लेते हैं. कुंभ मेले में श्रद्धालु गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम (प्रयागराज), गंगा (हरिद्वार), गोदावरी (नासिक), और क्षिप्रा नदी (उज्जैन) में स्नान करके पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं.
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