Heat Stroke: पारा चढ़ने के साथ बढ़ा हीट स्ट्रोक का रिस्क, इन लक्षणों को किया नजरअंदाज तो पड़ सकते हैं लेने के देने
Heat Stroke Signs: दिल्ली-यूपी समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में लोग भीषण गर्मी के कारण बेहाल हैं. कई जगहों पर तो पारा 45 डिग्री को भी पार कर गया है. कूलर-पंखे बेअसर से हो गए हैं. ऐसे में सेहत को लेकर बहुत अलर्ट रहने की जरूरत है.
पारा चढ़ने के साथ बढ़ा हीट स्ट्रोक का रिस्क, इन लक्षणों को किया नजरअंदाज तो पड़ सकते हैं लेने के देने
पारा चढ़ने के साथ बढ़ा हीट स्ट्रोक का रिस्क, इन लक्षणों को किया नजरअंदाज तो पड़ सकते हैं लेने के देने
Heat Stroke Symptoms: इन दिनों गर्मी अपनी चरम पर पहुंच रही है. दिल्ली-यूपी समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में लोग भीषण गर्मी के कारण बेहाल हैं. कई जगहों पर तो पारा 45 डिग्री को भी पार कर गया है. कूलर-पंखे बेअसर से हो गए हैं. वहीं गर्म हवा के थपेड़ों ने घर से बाहर निकल पाना भी दूभर कर दिया है. ऐसे में लोगों को अपनी सेहत को लेकर बहुत ज्यादा अलर्ट हो जाने की जरूरत है. जरा सी लापरवाही हीट स्ट्रोक की वजह बन सकती है. अगर आप हीट स्ट्रोक को हल्के में ले रहे हैं, तो ऐसी गलती न करें. कई बार हीट स्ट्रोक आपकी जान को भी जोखिम में डाल सकता है. यहां जानिए फिजिशियन डॉ. एन के शर्मा से हीट स्ट्रोक के बारे में.
45 डिग्री पहुंचने पर बढ़ जाता है खतरा
पारा जैसे ही 45 डिग्री तक पहुंचता है या इसे पार कर जाता है, तो हीट स्ट्रोक की समस्या होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसकी वजह है कि पारा 45 डिग्री पहुंचने पर शरीर का थर्मोस्टेट गड़बड़ाने लगता है. इससे सिर में दर्द, चुभन, पैरों में दर्द, दस्त, उल्टी और शरीर में अकड़न जैसे लक्षण सामने आते हैं. जिसे आप आमतौर पर लू लगना कहते हैं. अगर थोड़ी सी लापरवाही की, थर्मोस्टेट काम करना बंद कर देता है और यही लक्षण गंभीर रूप ले लेते हैं.
हीट स्ट्रोक के गंभीर लक्षण
हीट स्ट्रोक की स्थिति में फौरन मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है. जरा सी लापरवाही से आपकी जिंदगी भी जोखिम में पड़ सकती है. आप लक्षणों से हीट स्ट्रोक की पहचान कर सकते हैं. ये हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण-
- शरीर का तापमान 104 डिग्री या इससे ज्यादा होना
- शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाना
- दिल की धड़कन तेज हो जाना
- कंफ्यूजन, असंतुलन और दौरे की स्थिति
- डायरिया की समस्या
- त्वचा पर चकत्ते
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी
- चक्कर या बेहोशी आदि
हीट स्ट्रोक की समस्या होने पर क्या करें
- खुद डॉक्टर न बनें. विशेषज्ञ को दिखाएं और उनके निर्देशों का पालन करें.
- शरीर का तापमान 101 से 102 भी पहुंचे तो समझ जाइए कि ये हीट स्ट्रोक का असर है. ऐसे में घर के कूलर पंखे चलाकर बर्फ की पट्टियां रखें.
- इलेक्ट्रॉल या नमक और चीनी का पानी थोड़ी थोड़ी देर में पीएं. शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- बच्चों को उल्टी दस्त हों तो ओआरएस का पानी थोड़ी-थोड़ी देर में दें.
- खाना हल्का व सुपाच्य लें जैसे खिचड़ी, दलिया आदि.
हीट स्ट्रोक के असर से बचाव के लिए पहले से बरतें सावधानी
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विशेषज्ञ का कहना है कि हीट स्ट्रोक की समस्या से बचाव करना है तो पारा 40 पार होते ही अलर्ट हो जाएं और अपने खानपान वगैरह को लेकर विशेष रूप से सावधानी बरतें. ज्यादा से ज्यादा पानी और लिक्विड डाइट जैसे छाछ, लस्सी, कच्चा आम का पना, शिकंजी, नारियल पानी वगैरह लें. ज्यादा तेल, मसाला और गरिष्ठ भोजन व बाहर खाने से बचें. ढीले कपड़े पहनें. तेज धूप में निकलने से बचें और अगर निकलना बहुत जरूरी हो तो शरीर को अच्छी तरह कवर करके और घर से पानी पीने के बाद निकलें. पानी या शिकंजी को अपने साथ रखें. धूप में छाते का इस्तेमाल करें. धूप से आकर तुरंत पानी या कुछ ठंडा न लें.
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