Good Friday 2023: जिस दिन यीशू को सूली पर चढ़ाया गया, उस दिन को आखिर 'गुड फ्राइडे' क्यों कहा जाता है?
माना जाता है कि इसी दिन ईसाह मसीह यानी यीशू को तमाम यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को काले दिवस के तौर पर मनाते हैं, लेकिन फिर भी ये दिन गुड फ्राइडे कहा जाता है. यहां जानिए इसकी वजह.
Source- Pixabay
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हर साल ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे (Good Friday) के तौर पर मनाया जाता है. इस बार ईस्टर संडे 9 अप्रैल को पड़ रहा है, ऐसे में गुड फ्राइडे आने वाले शुक्रवार यानी 7 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन को होली डे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक डे भी कहा जाता है. माना जाता है कि इसी दिन ईसाह मसीह यानी यीशू को तमाम यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को काले दिवस के तौर पर मनाते हैं, लेकिन फिर भी ये दिन गुड फ्राइडे कहा जाता है. यहां जानिए इसकी वजह.
ये है मान्यता
ईसाह मसीह को ईसाई समुदाय में ईश्वर का बेटा कहा जाता है. माना जाता है कि उनका जन्म ही इस धरती पर अज्ञानता को दूर करने के लिए हुआ था. इसलिए जब पिलातुस ने ईसाह मसीह पर तमाम अत्याचार करवाए तो वे सब सहते रहे और जब उन्हें सूली पर लटकाने का आदेश दिया गया, तब भी उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि इन लोगों ने अज्ञानतावश जो भी गुनाह किए हैं, उन्हें क्षमा करें. यीशू ने प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण पेश करते हुए हंसते हुए सूली पर चढ़ना स्वीकार कर लिया, जबकि वो स्वयं में इतने शक्तिशाली थे कि अगर चाहते तो उन लोगों को उनके गुनाह की सजा दे सकते थे.
उनकी क्षमताओं को इस बात से समझा जा सकता है कि वो इस कुर्बानी के ठीक तीन दिनों बाद ही फिर से जीवित हो गए थे. इस दिन को यीशू की नेक मंशा, महानता, उनके त्याग और प्रेम की पराकाष्ठा के उदाहरण के तौर पर देखा जाता है और इसलिए इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है और जिस दिन यीशू जिंदा हुए, उस दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है.
कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे
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गुड फ्राइडे को ईश्वर के बलिदान दिवस के तौर पर याद किया जाता है. इस दिन ईसाई धर्म से जुड़े हुए लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं. गिरजाघरों में जाकर विशेष प्रार्थना करते हैं. इस दिन मंदिर में घंटे की बजाय लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं. लोग दान-पुण्य वगैरह करते हैं और बढ़चढ़कर अच्छे काम करते हैं. साथ ही इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण किया जाता है.
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12:36 PM IST