Bank FD vs Corporate FD: तगड़े मुनाफे के लिए कहां पैसा लगाएं? जानिए अपने फायदे की बात
आमतौर पर आप बैंक या पोस्ट ऑफिस फिक्सड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. लेकिन आप चाहें तो कॉर्पोरेट एफडी में भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. इसमें आपको काफी अच्छा रिटर्न मिल सकता है. जानिए क्या है कॉर्पोरेट एफडी, इसके फीचर्स क्या हैं और मुनाफे के लिहाज से ये बैंक एफडी से कितना अलग है.
फिक्स्ड डिपॉजिट वर्षों से निवेश का भरोसेमंद जरिया रहा है. जो लोग निवेश के मामले में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते, वो एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं. एफडी में निवेशकों को गारंटीड रिटर्न मिलता है, ऐसे में उन्हें इस बात का भरोसा रहता है कि उनका पैसा एकदम सुरक्षित रहेगा. आमतौर पर आप बैंक या पोस्ट ऑफिस फिक्सड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. लेकिन आप चाहें तो कॉर्पोरेट एफडी में भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. इसमें आपको काफी अच्छा रिटर्न मिल सकता है. जानिए क्या है कॉर्पोरेट एफडी, इसके फीचर्स क्या हैं और मुनाफे के लिहाज से ये बैंक एफडी से कितना अलग है.
जानिए बैंक एफडी से कितना अलग है कॉर्पोरेट एफडी
बैंक एफडी को बैंक जारी करते हैं, लेकिन कॉर्पोरेट एफडी को तमाम कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है. कॉर्पोरेट एफडी के जरिए कंपनीज अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों से फंड जुटाती हैं. ये एफडी भी बिल्कुल बैंक एफडी की तरह ही काम करती है. इसके लिए कंपनी निवेशकों से एक निश्चित समय के लिए पूंजी लेती है और ग्राहकों को ब्याज समेत रकम वापस करती है.
बैंक एफडी से बेहतर ब्याज
आमतौर पर कॉर्पोरेट एफडी में बैंक एफडी से बेहतर ब्याज ऑफर किया जाता है ताकि लोगों को आकर्षित किया जा सके. बैंक की तरह इसमें भी अलग-अलग अवधि के लिए ब्याज दर अलग हो सकती है. जिस तरह बैंक में बुजुर्गों को एफडी पर अतिरिक्त ब्याज दिया जाता है, उसी तरह तमाम कॉर्पोरेट एफडी में भी बुजुर्गों को सामान्य एफडी के मुकाबले अतिरिक्त ब्याज दिया जाता है. आमतौर पर कॉरपोरेट एफडी की अवधि 1 से 5 साल तक होती है. बैंक में निवेश करने पर आपको 5 से 7 या 7.5% तक ब्याज मिलेगा, लेकिन कॉर्पोरेट FD में निवेश करके आप 8 से 10% तक रिटर्न ले सकते हैं.
कॉर्पोरेट एफडी के जोखिम भी जान लें
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ऊंची ब्याज दर के साथ कॉर्पोरेट एफडी से कुछ जोखिम भी जुड़े हैं, जिन्हें आपको जान लेना चाहिए. आमतौर पर बैंक एफडी को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें रिजर्व बैंक के सख्त नियमों का पालन किया जाता है. लेकिन कॉर्पोरेट एफडी में बैंक एफडी की तुलना में जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है. बैंक डूबने पर जमा रकम पर DICGC के तहत इंश्योरेंस बेनिफिट मिलता है, लेकिन कॉर्पोरेट एफडी पर इस तरह का कोई इंश्योरेंस नहीं होती है.
अगर कंपनी डूब जाए तो आपका पैसा भी डूब सकता है. हालांकि अगर आप अच्छी रेटिंग वाली कंपनियों में पैसा लगाएं तो जोखिम काफी कम हो सकता है. कॉर्पोरेट एफडी में निवेश करने से पहले उस कंपनी का 10-20 साल का रिकॉर्ड देख लें. अगर आप रिस्क ले सकते हैं, तो कॉर्पोरेट एफडी निवेश के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है.
07:00 AM IST