Dengue: बांग्लादेश में डेंगू से हुआ बुरा हाल, दो लाख से ज्यादा मामले आए सामने, हजारों की मौत...भारत में भी बढ़ रहे मरीज
बांग्लादेश में इन दिनों डेंगू के कारण बुरा हाल है, वहीं भारत में भी तेजी से डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. जानिए क्यों हर साल आती है बीमारी और इससे बचने के क्या हैं तरीके.
बांग्लादेश में डेंगू से हुआ बुरा हाल, दो लाख से ज्यादा मामले आए सामने, हजारों की मौत...भारत में भी बढ़ रहे मरीज
बांग्लादेश में डेंगू से हुआ बुरा हाल, दो लाख से ज्यादा मामले आए सामने, हजारों की मौत...भारत में भी बढ़ रहे मरीज
डेंगू का प्रकोप सिर्फ भारत में ही नहीं, दूसरे देशों में भी तेजी से बढ़ रहा है. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में डेंगू के कारण बुरे हालात हैं. साल की शुरुआत से अब तक वहां डेंगू के दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी मच्छर जनित इस बीमारी से बुरा हाल है.
देश के कई राज्यों में डेंगू के मरीज रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर से लेकर पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक डेंगू के मामलों में तेजी आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हर साल क्यों आते हैं डेंगू के मामले? क्या है इससे बचाव का तरीका... जानते हैं डेंगू से जुड़ी तमाम बातें.
Bangladesh dengue outbreak: Death toll crosses 1000
— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2023
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क्यों हर साल आते हैं डेंगू के मामले
इस मामले में डॉ. रमाकान्त शर्मा बताते हैं कि डेंगू की बीमारी मच्छर के कारण होती है. डेंगू की बीमारी हर साल एक निश्चित समय पर आती है. ज्यादातर जुलाई से अक्टूबर में इसके मामले सबसे ज्यादा बढ़ते हैं. इसका कारण है कि जुलाई में बारिश का मौसम होता है. इस मौसम में मौसम में जगह-जगह गड्ढे में पानी भर जाता है, जिससे मच्छर ज्यादा पनपते हैं. मच्छर पनपने के कारण इस बीमारी के मामले भी बढ़ने लगते हैं. अक्टूबर के बाद मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है और तापमान नीचे जाने लगता है. ऐसे में डेंगू मच्छर का लार्वा पनप नहीं पाता और इसके केस कम होने लगते हैं.
डब्ल्यूएचओ कर चुका है अलर्ट
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डब्ल्यूएचओ भी इस मामले में अलर्ट कर चुका है कि डेंगू, चिकनगुनिया, येलो फीवर, जीका आदि मच्छरों के कारण पनपने वाली बीमारियों का रिस्क क्लाइमेट चेंज के समय और तेजी से बढ़ता है. डेंगू जैसी बीमारी के इलाज के लिए किसी तरह का कोई वैक्सीन भी नहीं है. ऐसे में लोगों को इस बीमारी को लेकर खुद ही काफी सावधान रहने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि हर साल दुनियाभर में 100-400 मिलियन को डेंगू का इंफेक्शन होता है.
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण हल्के और गंभीर दोनों हो सकते हैं. संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. जानिए लक्षण-
- सिरदर्द
- बुखार
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- उल्टी
- जी मिचलाना
- आंखों में दर्द होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
- ग्लैंड्स में सूजन होना
- डेंगू गंभीर होने पर लक्षण
डेंगू का मामला गंभीर होने पर Dengue Haemorrhagic Fever का खतरा बढ़ता है और शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं. ऐसे में ये लक्षण सामने आ सकते हैं-
- तेज पेट दर्द
- लगातार उल्टी होना
- मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
- मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
- त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान महसूस करना
- चिड़चिड़ापन या बेचैनी
खुद से न करें इलाज
इस मामले में डॉ. रमाकान्त शर्मा का कहना है कि डेंगू अगर गंभीर हो जाए तो स्थिति जानलेवा हो जाती है, इसलिए इस मामले में कोई लापरवाही न करें और न ही खुद से कोई घरेलू इलाज के चक्कर में फंसें. अगर आपको कोई भी लक्षण नजर आता है तो फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें. इलाज कराएं और कोई भी उपाय उनकी सलाह से ही आजमाएं.
बचाव के लिए आजमाएं ये तरीके
- घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
- पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें.
- फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
- सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
- घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
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