Christmas 2023: सजावटी क्रिसमस ट्री तो बहुत देखे होंगे आपने, क्या असली Christmas Tree को पहचानते हैं आप?
क्रिसमस के मौके पर कई दिन पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इस बीच दो चीजें सबसे ज्यादा हाइलाईट होती हैं एक सेंटा क्लॉज और दूसरा क्रिसमस ट्री. आपने भी सजावटी क्रिसमस ट्री कई बार देखा होगा, लेकिन क्या असली के क्रिसमस ट्री के बारे में आप जानते हैं?
क्रिसमस वैसे तो ईसाई धर्म से जुड़े लोगों का त्योहार है. इसे ईसाह मसीह के जन्मदिन के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन आजकल इस फेस्टिवल का क्रेज सभी में देखने को मिलता है. बाजार, मॉल और ऑफिस तक में क्रिसमस की तैयारियां की जाती हैं. सेंटा क्लॉज के साथ-साथ जगह-जगह पर क्रिसमस ट्री नजर आते हैं, जिन्हें बहुत खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है. क्रिसमस ट्री इस दिन का खास आकर्षण होता है. तिकोने आकार का ये पेड़ कई लोग घरों में भी सजाते हैं. सजावटी क्रिसमस ट्री आपने बहुत बार देखे होंगे, लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि आखिर असली क्रिसमस कैसा होता है और ये कहां मिलता है? यहां जानिए इसके बारे में-
क्रिसमस ट्री होता क्या है?
सनोबर का पेड़ जिसे फर का पेड़ भी कहा जाता है, क्रिसमस ट्री कहलाता है. लेकिन तमाम जगहों पर अलग-अलग तमाम पेड़ों से क्रिसमस ट्री को तैयार किया जाता है. ये पेड़ कोनिफर या शंकुधारी यानी नीचे से चौड़े और ऊपर की ओर पतले होते जाते हैं. इसलिए इनका आकार तिकोना हो जाता है. स्प्रूस, फर, डगलस फर, चीड़, देवदार, वर्जीनिया पाइन, अफगान पाइन, रेत पाइन आदि सभी इसी तरह के होते हैं. इनसे क्रिसमस ट्री को तैयार किया जाता है. क्रिसमस के मौके पर इन्हें घर में लगाना काफी शुभ माना जाता है.
भारत में कहां उगते हैं क्रिसमस ट्री?
उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कश्मीर से उत्तराखंड तक स्प्रूस के सदाबहार पेड़ पाए जाते हैं. कश्मीर से लेकर शिमला, डलहौजी, चकराता (देहरादून) में आपको ये पेड़ देखने को मिल जाएंगे. उत्तराखंड में इन पेड़ों को कथेला, मोरिंडा, काला चीलू जैसे नामों से जाना जाता है. लोग इन्हें चीड़ या देवदार के नाम से भी जानते हैं. ये सर्द इलाकों में ही पनपते हैं, इसलिए ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं.
क्रिसमस ट्री के फायदे
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क्रिसमस ट्री का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि ये वैज्ञानिक रूप से भी काफी फायदेमंद है. इसे लगाने से घर में ऑक्सीजन का बेहतर प्रवाह होता है. ये पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखने का काम करता है. सर्दी के मौसम में तापमान गिरने से शरीर में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. ऐसे में अगर घर में क्रिसमस ट्री को लगाया जाए तो ये घर के अंदर ऑक्सीजन का उचित प्रवाह बनाए रखता है. क्रिसमस के दौरान इसे घरों में सजाया जाता है और नए साल के बाद इसे हटा दिया जाता है. तब इसकी लकड़ी जलाने के काम आती है.
12:17 PM IST