5G Network Trial in India: चीनी कंपनियों को ट्रायल से बाहर रखने पर आई अमेरिका की ओपिनियन, जानें क्यों जताई चिंता
5G Network Trial in India: दूरसंचार विभाग ने 4 मई को 5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों के एप्लीकेशन को मंजूरी दी थी. विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजी शामिल हैं.
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के एप्लीकेशन को मंजूरी दी थी, इसमें कोई भी कंपनी चीनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करेगी. (PTI)
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के एप्लीकेशन को मंजूरी दी थी, इसमें कोई भी कंपनी चीनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करेगी. (PTI)
5G Network Trial in India: भारत की तरफ से हाल में चीनी कंपनियों हुवावेई (Huawei) और जेडटीई (ZTE) के बिना 5जी ट्रायल (5G Network Trial in India) को करने के फैसले को अमेरिका ने एक संप्रभु फैसला करार दिया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका उन उपकरणों के साथ नेटवर्क स्थापित करने के खतरों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है, जिन्हें चीन की तरफ से बाधित या नियंत्रित किया जा सकता है.
भारत सरकार द्वारा एक संप्रभु निर्णय था (Was a sovereign decision by the Government of India)
खबर के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय (US State Department) के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि यह भारत सरकार (Indian government) द्वारा एक संप्रभु निर्णय (5G Network Trial in India) था, इसलिए हमारा मानना है कि इस बारे में आपको भारत सरकार से ही कोई टिप्पणी लेनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि लेकिन मैं ज्यादा व्यापक रूप से कह सकता हूं कि यह सही है कि हम ऐसे उपकरणों पर आधारित नेटवर्क के खतरों को लेकर चिंतित हैं, जिन्हें पीआरसी (पीपुल्स रिपल्बिक ऑफ चाइन) नियंत्रण या बाधित कर सकता है.
हुवावेई या जेडटीई को लेकर जताई ये चिंता (concern was expressed about Huawei or ZTE)
उन्होंने कहा कि हुवावेई या जेडटीई (Huawei or ZTE) जैसे गैर-भरोसेमंद दूरसंचार सप्लायर्स को परमिशन देने में राष्ट्रीय सुरक्षा, निजता और मानवाधिकारों से जुड़े जोखिम शामिल हैं. दूरसंचार विभाग ने 4 मई को 5जी परीक्षण (5G Test) के लिए दूरसंचार कंपनियों के एप्लीकेशन को मंजूरी दी थी, हालांकि इसमें कोई भी कंपनी चीनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करेगी. दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल (Reliance Jio, Bharti Airtel, Vodafone, MTNL) के एप्लीकेशन को मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का उपयोग नहीं कर रही है.
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रिलायंस जियो की स्वदेशी टेक्नोलॉजी (Reliance Jio's indigenous technology)
दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट (Ericsson, Nokia, Samsung, C-Dot) और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजी शामिल हैं. इसका का मतलब है कि चीनी कंपनियां 5जी ट्रायल का हिस्सा नहीं होंगे. दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली 5जी दूरसंचार सेवाओं में चीनी कंपनियों को हिस्सा लेने से रोक सकती है. चीन ने अपनी कंपनियों को भारत में 5जी ट्रायल में हिस्सा लेने की मंजूरी न देने के सरकार के फैसले पर अफसोस जताया है.
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04:57 PM IST