SEBI ने इस कंपनी पर लगाया ₹10 लाख का जुर्माना, क्लाइंट्स के पैसों का किया गलत इस्तेमाल
SEBI Penalty On Angel Broking Ltd: SEBI ने इस कंपनी पर रेगुलेटर नॉर्म्स को उल्लंघन करने पर ये जुर्माना ठोका है. एंजेल ब्रोकिंग (Angel One Ltd) एक सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक और कमोडिटी ब्रोकर है.
SEBI ने इस कंपनी पर लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना, जानिए क्यों?
SEBI ने इस कंपनी पर लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना, जानिए क्यों?
SEBI Penalty On Angel Broking Ltd: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी यानी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking Ltd) पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. SEBI ने इस कंपनी पर रेगुलेटर नॉर्म्स को उल्लंघन करने पर ये जुर्माना ठोका है. एंजेल ब्रोकिंग (Angel One Ltd) एक सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक और कमोडिटी ब्रोकर है. ये कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टेड है. बता दें कि सेबी, स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटर्स ने मिलकर Angel Broking Ltd के कार्यान्वन को लेकर एक निरीक्षण किया था, जिसके बाद सेबी ने कंपनी पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
अप्रैल 2019 से दिसंबर 2020 तक किया निरीक्षण
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने अप्रैल 2019 से लेकर दिसंबर 2020 के बीच कंपनी के फाइनेंशियल और काम करने के तरीके का निरीक्षण किया. निरीक्षण से मिली जानकारी के मुताबिक, सेबी ने Angel Broking Ltd के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही करने का फैसला किया.
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निष्क्रिय ग्राहकों का नहीं किया सेटलमेंट
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सेबी ने 78 पेज का आदेश जारी किया. इस आदेश में सेबी ने पाया कि एबीएल ने उन ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रख दिया, जिनके खाते में क्रेडिट बैलेंस है और कंपनी ने अपने क्लाइंट्स के 32.97 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया. इसके अलावा रेगुलेटर ने पाया कि ABL (एबीएल) ने 300 मामलों में निरीक्षण अवधि के दौरान निष्क्रिय ग्राहकों के धन का वास्तविक निपटान नहीं किया और ये नॉन सेटल्ड राशि 43.96 लाख रुपये थी.
इस तरह किया नियमों का उल्लंघन
इसके अलावा, ABL कंपनी ने उन क्लाइंट्स का भी वास्तविक निपटान नहीं किया, जिन्होंने पिछले 3 महीने से कोई ट्रेड नहीं किया था. ये राशि 16.65 लाख रुपए थी. ABL ने जनवरी 2020 के बाद कैश मार्केट सेगमेंट में निपटान की तिथि पर निष्पादित टर्नओवर के मूल्य की सीमा तक निधियों और प्रतिभूतियों के मूल्य को 85 बार बनाए रखा था और गैर-बसाए गए राशि को 10.26 लाख रुपये माना गया था, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ था.
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कंपनी ने डिपॉजिटर्स पार्टिसिपेंट्स अकाउंट्स के बीच पीरिओडिक रिकंसिलिएशन नहीं किया और 1,226.73 करोड़ रुपये के पूर्ण मूल्य वाले 44.72 लाख का कुल मात्रा अंतर था. इसके अलावा नॉन रिकवरी डेबिट बैलेंस के लिए कंपनी ने क्लाइंट को T+2+5 दिनों को एक्सपोजर दिया था. इसकी राशि 2.10 करोड़ रुपए थी.
ABL ने अकाउंट्स में की धोखाधड़ी!
इसके अलावा सेबी ने ये भी बताया कि ABL लिमिटेड ने 30602 क्लाइंट्स का गलत लेजर बैलेंस रिपोर्ट किया और अक्टूबर 2020 महीने के लिए एक्सचेंज को 340.81 करोड़ रुपए नेट अंतर रिपोर्ट किया. सेबी ने आगे कहा कि कंपनी के लेजर और दैनिक मार्जिन स्टेटमेंट के मुताबिक कंपनी के फंड बैलेंस में गड़बड़ी देखने को मिली.
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09:38 AM IST