Shark Tank India-3: गलत मोबाइल नंबर, ग्रामर में गलतियां... WTF Startup पर भड़के शार्क, एक के बाद एक सभी हुए Out
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में हर स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) लेने के लिए आता है, लेकिन हर किसी को फंडिंग नहीं मिल पाती है. कभी शार्क को बिजनेस (Business) पसंद नहीं आता, तो कभी फाउंडर्स को डील पसंद नहीं आती है.
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में हर स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) लेने के लिए आता है, लेकिन हर किसी को फंडिंग नहीं मिल पाती है. कभी शार्क को बिजनेस (Business) पसंद नहीं आता, तो कभी फाउंडर्स को डील पसंद नहीं आती है. वहीं शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में दूसरे एपिसोड में एक ऐसा स्टार्टअप आया, जिस पर सारे शार्क भड़क गए. उनके बिजनेस से लेकर उनकी ब्रांडिंग तक में कई सारी गलतियां दिखीं, जिसके चलते उन्हें निवेश नहीं मिल पाया. आइए जानते हैं इसके बारे में.
पहले जानिए क्या करता है ये स्टार्टअप?
इस स्टार्टअप का नाम है WTF यानी विटनेस द फिटनेस. इसकी शुरुआत विशाल निगम और अनीता निगम ने की थी. यब स्टार्टअप लोकल जिम को मॉडर्न बनाने का काम करता है. WTF लोकल जिम के पास जाता है और उसका पूरा ऑपरेशन और मेंटेनेंस अपने हाथ में ले लेता है. ये कहना गलत नहीं होगा कि ये स्टार्टअप जिम का ओयो बनाना चाहता था. इसके बाद वह अपने तरीके से जिम को बेहतर दिखने वाला बनाता है. इसके लिए वह जिम में हाईजीन, स्टाफ, एंबिएंस सब कुछ बदलता है. साथ ही टेक्नोलॉजी के साथ उसे मॉडर्न बनाता है. अभी तक दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में कंपनी 43 जिम को मॉडर्न बना चुकी है और जल्द ही कोलकाता में भी इसे लॉन्च करने का प्लान है. अगले 5 साल में कंपनी 5000 जिम तक पहुंचना चाहती है.
स्टार्टअप का दावा, एआई ऐप से होता है जिम ट्रांसफॉर्म
WTF का एक एआई ऐप भी है, जिसे विटी नाम दिया गया है. फाउंडर्स का दावा है कि वह इसकी मदद से हर जिम का डेटा उसमें डालते हैं और फिर उसे ट्रांसफॉर्म कर देते हैं. बस इसी बात पर सारे शार्क के कान खड़े हो गए कि आखिर इसमें ऐसा कौन सा डेटा डाला जाता है. फाउंडर्स ने बताया कि विटी में जिम के यूजर्स, उसका रेवेन्यू, रिटेंशन रेट जैसी चीजों का डेटा डाला जाता है. उन्होंने कहा कि ये सब डेटा डालने के बाद विटी का काम शुरू होता है. विटी बता देता है कि जिम का एंबिएंस ठीक नहीं हैं, जिसके बाद हम उसे बेहतर कर देते हैं. बस इसी प्वाइंस से शार्क ने सवालों की बारिश कर दी और फाउंडर्स उसका कोई ऐसा जवाब नहीं दे सके, जिससे शार्क संतुष्ट हो सकें.
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अनुपम और अमन ने कहा कि एंबिएंस जानने के लिए टेक्नोलॉजी की क्या जरूरत? अमन ने कहा कि आप सिर्फ बज़ वर्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि इसमें एआई का कोई लेना-देना ही नहीं है. जब विशाल कोई जवाब नहीं दे पाए तो उन्होंने कहा कि टेक को थोड़ी देर के लिए हटा देते हैं. लेकिन विशाल और अनीता के लिए सबसे बड़ी मुसीबत तो तब खड़ी हुई, जब दीपिंदर गोयल ने उनकी कंपनी की मार्केटिंग करने वाले शोकेस में गलतियां निकालना शुरू कर दिया.
दीपिंदर ने निकालीं एक के बाद एक कई गलतियां
WTF का जो शोकेस शार्क टैंक इंडिया के सेट पर लगाया गया था, उसमें कंपनी के नंबर में 10 के बजाय सिर्फ 9 नंबर थे. साथ ही जो कुछ लिखा था, उसमें ग्रामर से जुड़ी गलतियां भी थीं. इस पर पहले तो दीपिंदर गुस्सा हुए, लेकिन बाद में सारे शार्क ने इस पर अपनी नाराजगी जताई. दीपिंदर ने कहा ये दिखाता है कि आप अपने ब्रांड को प्यार नहीं करते, आप अपने बिजनेस या ग्राहक या पार्टनर के लिए इसे पर ध्यान दें.
विशाल ने अपनी गलती तो मानी, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह खुद जिम जाते हैं तो उन्होंने इनकार कर दिया, जिसके बाद फाउंडर बोले कि आप खुद ही अपना प्रोडक्ट इस्तेमाल नहीं करते, तो कोई दूसरा कैसे करेगा. जब कंपनी ने अपनी कमाई के बारे में बताया तब तो बचे-खुचे शार्क ने भी इस स्टार्टअप से किनारा कर लिया. स्टार्टअप ने शुरुआत में 2 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की मांग की थी. वहीं कंपनी का रेवेन्यू हर महीने सिर्फ 50 हजार रुपये है, ऐसे में सालाना कमाई सिर्फ 6 लाख रुपये है. इस पर सारे शार्क नाराज हो गए कि आखिर 50 करोड़ रुपये की वैल्युएशन कहां से आ गई और सभी डील से आउट हो गए.
04:48 PM IST