Shark Tank India-3: कश्मीरी Startup फाउंडर्स को बच्चा समझ रहे थे सब, पैसे लगाने को 'सब्जी मंडी' बन गया शार्क टैंक
शार्क टैंक इंडिया-3 (Shark Tank India-3) में पूरे देश से तमाम स्टार्टअप आ रहे हैं. तीसरे सीजन के सातवें एपिसोड में एक स्टार्टअप जम्मू-कश्मीर से आया, जिसका आइडिया देख सारे शार्क हैरान रह गए.
शार्क टैंक इंडिया-3 (Shark Tank India-3) में पूरे देश से तमाम स्टार्टअप आ रहे हैं. तीसरे सीजन के सातवें एपिसोड में एक स्टार्टअप जम्मू-कश्मीर से आया, जिसका आइडिया देख सारे शार्क हैरान रह गए. सबसे बड़ी हैरानी तो तब हुई जब उन्होंने देखा कि उस स्टार्टअप के फाउंडर्स की उम्र महज 20 साल के करीब है. वहीं जब इन फाउंडर्स ने अपनी कमाई बताई तो सबसे मुंह खुले के खुले रह गए. फिर एक के बाद एक उन शार्क के बीच इस स्टार्टअप में निवेश करने को लेकर जंग सी छिड़ गई. विनीता सिंह ने तो ये सब देखकर उस माहौल को सब्जी मंडी तक कह दिया.
शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन में आए इस स्टार्टअप नाम है त्रंबू स्पोर्ट्स (Tramboo Sports), जिसकी शुरुआत की है 18 साल के हमाद त्रंबू (Hamaad Tramboo) और 20 साल के साद त्रंबू (Saad Tramboo) ने. यह दोनों ही फाउंडर बीबीए कर रहे हैं. यह स्टार्टअप कश्मीर विलो लकड़ी के बैट बनाता है. बता दें कि कश्मीर विलो लकड़ी कश्मीर के अलावा कहीं नहीं मिलती है और यह लकड़ी कच्चे माल की तरह कश्मीर से बाहर नहीं ले जाई जा सकती है. यह स्टार्टअप लैदर और टेनिस बॉल से खेलने वाले बैट बनाता है. हमाद कहते हैं कि वह खुद भी क्रिकेट खेलते हैं, इसलिए उन्हें समझ आया कि इंगलिश विलो बैट की तुलना में कश्मीर विलो बैट थोड़ा भारी होता है और इसी प्रॉब्लम को इस स्टार्टअप ने सॉल्व किया है. स्टार्टअप का दावा है कि उसने अब तक करीब 20 हजार से भी ज्यादा बैट बेच दिए है.
कैसे बनता है ये कश्मीर विलो बैट?
कश्मीर विलो बैट बनाने के लिए पहले कश्मीर विलो की लकड़ी को काटा जाता है. इसके बाद वह लकड़ी सीजनिंग के लिए जाती है, जिसमें 7 दिन का वक्त लगता है. बता दें कि आम तौर पर लकड़ी की सीजनिंग में 1 साल से 18 महीने तक का समय लगता है. इसे सिर्फ 7 दिन में यह स्टार्टअप अपने खास सीजनिंग प्लांट के जरिए करता है, जो स्टीम बेस प्लांट है. इसमें 40-50 डिग्री का तापमान होता है, जिससे लकड़ी जल्दी सूख जाती है. इस तरीके से बने बैट का रिजल्ट परंपरागत तरीकों से बन रहे बैट से अच्छा होता है.
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बैट जब सीजन हो जाते हैं तो वह मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी पहुंचते हैं, जहां उन्हें हार्ड प्रेस किया जाता है. इससे बैट का स्ट्रोक और मजबूती बढ़ती है. उसके बाद सिंगापुर केन हैंडल लगाए जाते हैं, जो बैट पर आने वाले सारे झटकों को खिलाड़ी के हाथ तक पहुंचने रोकने का काम करते हैं. पूरे कश्मीर में सिर्फ एक ही सीजनिंग प्लांट हैं, जो इस स्टार्टअप फाउंडर के दादा जी का है. इस तरह के प्लांट को लगाने की लागत 8-9 करोड़ रुपये आती है और अगर जमीन भी खरीदनी पड़ गई तो यह कीमत और भी ज्यादा हो जाती है.
क्या है इन बैट की कीमत?
स्टार्टअप फाउंडर्स ने बताया कि कश्मीर विलो लकड़ी से बने टेनिस बॉल बैट की कीमत 1800 रुपये से शुरू होती है. वहीं इस लकड़ी से बने सीजन बैट की कीमत 3000 रुपये से शुरू होती है. अगर बात इंगलिश विलो की लकड़ी से बने बैट की करें तो उसकी कीमत 6-7 हजार रुपये से शुरू होती है, वो भी ग्रेड-4 क्वालिटी वाले. अगर आप ग्रेड-1 वाला बैट खरीदेंगे तब तो उसकी कीमत 40 हजार रुपये तक जाएगी.
अभी सिर्फ यही स्टार्टअप है जो इतने किफायदी दाम पर इस क्वालिटी का कश्मीर विलो बैट बना पा रहा है. हर महीने ये स्टार्टअप करीब 1000 बैट बेचता है. अभी सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए बिजनेस हो रहा है. जल्द ही यह स्टार्टअप मार्केटप्लेस पर भी आ रहा है. कंपनी को सिर्फ इंस्टाग्राम से ही 70 फीसदी ऑर्डर आते हैं. टेनिस बैट पर कपंनी को करीब 25 फीसदी का मुनाफा हो रहा है, जबकि सीजन बैट पर 35-40 फीसदी का मुनाफा हो रहा है. अभी हर महीने कंपनी को करीब 5-6 लाख रुपये का नेट प्रॉफिट हो रहा है. 2023-24 में कंपनी करीब 6-7 करोड़ रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचने का अनुमान लगा रही है.
पैसे लगाने के लिए सब्जी मंडी बना शार्क टैंक
अपने स्टार्टअप के लिए हमाद और साद ने 3 फीसदी इक्विटी के बदले 30 लाख रुपये का निवेश मांगा. सबसे पहले विनीता सिंह ने उन्हें 30 लाख रुपये 10 फीसदी इक्विटी के बदले देने का ऑफर दिया, जिसमें बाद में अनुपम मित्तल भी जुड़ गए. अमन गुप्ता ने 6 फीसदी के बदले 30 लाख रुपये का निवेश करने का ऑफर किया. वहीं रितेश अग्रवाल ने 4 फीसदी इक्विटी के बदले 30 लाख रुपये का निवेश ऑफर किया. वहीं पीयूष बंसल ने पूरा गेम ही बदल दिया और फाउंडर्स ने जो मांगा था यानी 30 लाख रुपये 3 फीसदी के बदले देने का ऑफर दिया. अंत में स्टार्टअप फाउंडर्स ने अमन गुप्ता और पीयूष बंसल दोनों को 4 फीसदी (2-2 फीसदी) इक्विटी देकर 30 लाख रुपये का निवेश हासिल किया.
12:48 PM IST