Shark Tank India-3: इंटरव्यू लेने का काम करता है ये Startup, 45 दिनों का काम हो रहा 7 दिन में, इंजीनियर कमा रहे लाखों रुपये
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में कई बार ऐसे स्टार्टअप आते हैं, जिन्हें देखकर शार्क हैरान हो जाते हैं. तीसरे सीजन के दूसरे एपिसोड में भी एक ऐसा ही स्टार्टअप (Startup) आया, जिसके आइडिया ने शार्क को हैरान कर दिया है.
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में कई बार ऐसे स्टार्टअप आते हैं, जिन्हें देखकर शार्क हैरान हो जाते हैं. तीसरे सीजन के दूसरे एपिसोड में भी एक ऐसा ही स्टार्टअप (Startup) आया, जिसके आइडिया ने शार्क को हैरान कर दिया है. इसका नाम है Intervue. वैसे तो विनीता सिंह इस डील से आउट हो गईं, लेकिन उन्होंने कहा कि इस स्टार्टअप को फाउंडर्स की पिच से वह बहुत इंप्रेस हैं. हालांकि, नमिता थापर को इस स्टार्टअप का आइडिया पसंद नहीं आया. वहीं बाकी शार्क फाउंडर्स की तारीफों के पुल बांधते रहे. एक वक्त ऐसा आया जब दीपिंदर ने ये तक कह दिया कि ये फाउंडर तो बिल्कुल मेरी तरह है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
इंटरव्यू की शुरुआत लुधियाना के राहुल अरोड़ा और गाजियाबाद के पुष्पेंद्र सिंह रौतेला ने की थी. इनका स्टार्टअप एक एचआर टेक प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों के लिए कैंडिडेट्स की हायरिंग करता है. राहुल कहते हैं कि तमाम कंपनियों के सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को कई टेक्निकल राउंड लेने पड़ते हैं. कई बार वह अपने काम की वजह से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, जिसके चलते हायरिंग में देरी होती है. राहुल के अनुसार एक वैकेंसी के लिए 25 से भी ज्यादा इंटरव्यू लेने पड़ते हैं, जिनमें बहुत सारे वक्त लगता है.
45 दिन का काम सिर्फ 7 दिन में
इंटरव्यू एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां पर दुनिया की कई कंपनियों जैसे गूगल, फेसबुक, अमेजन के इंजीनियर मौजूद हैं और वो दूसरी कंपनियों के लिए इंटरव्यू लेते हैं. उन्हें इन इंटरव्यू के लिए पैसे भी मिलते हैं, जबकि अगर किसी कंपनी में कंपनी इंजीनियर यह काम करते हैं, तो कंपनी उन्हें इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करती है. राहुल के अनुसार एक हायरिंग को पूरा होने में 45 दिन का वक्त लगता है, लेकिन इस स्टार्टअप की मदद से ये टाइम कम होकर 7 दिन तक हो सकता है. इस स्टार्टअप की तरफ से चुने गए 10 में से 7 कैंडिडेट सेलेक्ट हो जाते हैं. Intervue ने 1.5 करोड़ रुपये के बदले 1 फीसदी इक्विटी देने की पेशकश की.
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राहुल और पुष्पेंद्र एक दूसरे से पेटीएम में मिले. दोनों ने अपने करियर के दौरान हजारों लोगों के इंटरव्यू लिए. उन्होंने इंटरव्यू में आने वाली दिक्कतों को काफी नजदीक से देखा और फिर फैसला किया कि वह इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करेंगे. इस समस्या को सॉल्व करने के लिए उन्होंने इंजीनियर्स का मार्केटप्लेस बनाने की सोची. अभी तो वह सिर्फ इंजीनियर्स की हायरिंग की सर्विस देते हैं, लेकिन भविष्य में नॉन-टेक एरिया में भी आगे बढ़ने की योजना है.
2.5 लाख रुपये तक कमा रहे हैं इंजीनियर
इस प्लेटफॉर्म पर आकर इंजीनियर्स अपने खाली टाइम में या वर्किंग आवर के बाद और यहां तक कि शनिवार-रविवार या छुट्टी के दिन भी इंटरव्यू लेने को तैयार रहते हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि इससे उन्हें अतिरिक्त पैसे कमाने का मौका मिल रहा है. इस सेवा के लिए कंपनी के एचआर को इंटरव्यू स्टार्टअप की वेबसाइट पर आकर कैंडिडेट्स को चुनना होता है. कंपनी को नाम, ईमेल और फोन नंबर मुहैया कराना होता है, जिसके बाद मार्केटप्लेस के इंजीनियर इंटरव्यू लेने का काम करते हैं. राहुल के अनुसार एक इंजीनियर हर महीने 60-70 हजार की अतिरिक्त कमाई कर सकता है. वहीं कुछ ऐसे भी इंजीनियर हैं जो महीने में 2-2.5 लाख रुपये तक भी कमा रहे हैं.
कई फीचर्स से लैस है ये प्लेटफॉर्म
इस प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई सारी सुविधाए हैं. जैसे अगर कैंडिडेट लिप्सिंग कर रहा हो और पीछे से कोई दूसरा बोल रहा हो तो सॉफ्टवेयर उसे पकड़ लेगा. इसमें लाइव टाइपिंग देखने की सुविधा मिलती है, जिससे कोडिंग में धोखेबाजी का खतरा नहीं रहता है. वहीं पूरे सेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है और साथ ही वह ट्रांसक्राइब भी होता है, जिसे बाद में कभी भी देखा जा सकता है. आप ये भी चेक कर सकते हैं कि किस कैंडिडेट का इंटरव्यू किसने लिया. उस कैंडिडेट को क्या रेटिंग मिली है या कहां बेहतर होने की जरूरत है, उन सब को लेकर एक रिपोर्ट भी जनरेट हो जाती है.
क्या कहते हैं कंपनी के आंकड़े?
अगर कंपनी की कमाई की बात करें तो साल 2021-22 में कंपनी ने 88 लाख रुपये की कमाई की थी. वहीं 2022-23 में कंपनी का रेवेन्यू 8.7 करोड़ रुपये हो गया. 2023-24 में यह 13-15 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. कंपनी का EBITDA अभी करीब 5-8 फीसदी रहता है. कमाई का 40-50 फीसदी हिस्सा इंटरव्यू लेने वाले इंजीनियर्स को जाता है, जबकि बाकी का कंपनी की कमाई होती है. अभी ग्लोबल मार्केट में इसकी टक्कर की एक और कंपनी है, जिसका नाम है Karat, लेकिन भारत के बाजार के हिसाब से उनके रेट बहुत ज्यादा हैं.
जब दीपिंदर बोले- A सीरीज राउंड यहीं कर लें?
फाउंडर्स ने दीपिंदर ने एक सवाल पूछा कि वह आगे कैसे बढ़ेंगे, इतने कम पैसों से तो काम नहीं बनेगा. इस पर फाउंडर्स ने कहा कि वह ए सीरीज राउंड उठाने की तैयारी में हैं. इस पर दीपिंदर ने मौके को लपकते हुए कहा कि ए सीरीज राउंड यहीं कर लें? दीपिंदर ने अमन गुप्ता के साथ मिलकर 5 करोड़ रुपये की फंडिंग का ऑफर दिया और बदले में 10 फीसदी इक्विटी मांगी. इस हिसाब से उनकी वैल्युएशन बनती है करीब 50 करोड़ रुपये. हालांकि, इससे पहले ही इंटरव्यू के फाउंडर्स करीब 120 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर फंडिंग उठा चुके हैं. ऐसे में फाउंडर्स ने डील लेने से मना कर दिया. आखिरकार अमन गुप्ता ने 1.5 करोड़ रुपये के बदले 2 फीसदी इक्विटी का ऑफर देकर ये डील क्लोज की और उन्हें 75 करोड़ रुपये का वैल्युएशन दिया.
06:54 PM IST