Repo Rate Hike: घर खरीदारों को लग सकता है बड़ा झटका, रियल एस्टेट संस्थाओं ने RBI से की ये अपील
Repo Rate Hike: इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि आरबीआई 6 अप्रैल को मौद्रिक नीति की समीक्षा (monetary policy review) में Repo Rate में 0.25% की वृद्धि करने का फैसला ले सकता है.
Repo Rate Hike: रियल्टी कंपनियों के शीर्ष निकाय कन्फेडेरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा (upcoming monetary policy) में रेपो दर में बढ़ोतरी नहीं करने का अनुरोध किया है. उसने कहा कि इससे बिल्डरों और ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा जिससे घरों की बिक्री प्रभावित होगी. अमेरिका समेत ज्यादातर देशों के केंद्रीय बैंक दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, इसके अलावा घरेलू स्तर पर रिटेल इंफ्लेशन केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, ऐसे में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि आरबीआई 6 अप्रैल को मौद्रिक नीति की समीक्षा (monetary policy review) में Repo Rate में 0.25% की वृद्धि करने का फैसला ले सकता है.
CREDAI ने RBI से की अपील
क्रेडाई ने आरबीआई से अनुरोध किया कि रेपो दर में और वृद्धि नहीं की जाए क्योंकि इससे दाम बढ़ेंगे और होम लोन के ब्याज दरों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित होगी. उसने कहा कि बीते एक साल में रेपो दर चार से बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है और इसमें एक और वृद्धि से कर्ज और भी महंगा हो जाएगा. क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटौदिया ने कहा, ‘‘बीते एक साल में, आरबीआई की ओर से रेपो दरों में वृद्धि करने से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है, इससे वित्तीय संकट से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहे डेवलपर की परेशानी बढ़ गई है. रेपो दरों में और वृद्धि करने से कुछ परियोजनाएं पूरी करना वित्तीय रूप से कठिन हो जाएगा और होम लोन इंटरेस्ट रेट लाइफटाइम हाई पर पहुंचने से घर खरीदार भी पीछे हट जाएंगे.’’ निकाय ने कहा कि इससे रियल एस्टेट बाजार में नरमी आ जाएगी. यह कोविड के बाद के रूझान के उलट होगा जब घरों की खरीद में तेजी आई थी.
रियल एस्टेट कंपनियों की चिंताएं बढ़ीं
हाउसिंग डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई रेपो दर में मामूली बढ़ोतरी कर सकता है और 2023 के अंत तक दरों में वृद्धि बंद भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस कदम का रियल एस्टेट की मांग पर सीमित असर होगा क्योंकि घर खरीदने का फैसला सिर्फ होम लोन की ब्याज दरों पर निर्भर नहीं करता, इसके पीछे कई अन्य कारक भी होते हैं. रियल्टी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि दरों में वृद्धि से होम लोन की ब्याज दर 10 प्रतिशत के पार चली जाएगी जो खरीदारों की भावनाओं को प्रभावित करेगा.
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06:21 PM IST