क्रेडाई ने निर्माण कार्यों पर रोक पर उठाए सवाल,ग्रैप को लेकर बेहद सतर्क है रियल एस्टेट इंडस्ट्री
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में बनी है, जिसके बाद ग्रैप 3 लागू है. ग्रैप को लेकर बेहद सतर्क है रियल एस्टेट इंडस्ट्री, क्रेडाई ने निर्माण कार्यों पर रोक पर उठाए सवाल. डेवलपर बोले, बिना प्रदूषण वाले कार्यों की मिलनी चाहिए इजाजत, नहीं होना चाहिए किसी का नुकसान.
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्रैप-3 लागू कर दिया गया है. इसके चलते वाहनों पर रोक के साथ ही निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे में रियल एस्टेट इंस्ट्री इसे लेकर चिंता में है. रियल एस्टेट डेवलपर्स के सबसे बड़े संगठन कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही डेपलपर्स ने ग्रैप को लेकर कई सुझाव भी दिए हैं. दरसअल, रियल एस्टेट सेक्टर अनस्किल्ड लेबर को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा रोजगार दाता माना जाता है। ऐसे में इंडस्ट्री के कामों पर अगर रोक लगती है तो देश की बड़ी आबादी को रोजगार की समस्या आती है।.
प्रदूषण रोकना जरूरी, लेकिन निर्माण पर रोक सही नहीं
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ कहते हैं कि प्रदूषण को रोकना जरूरी है, लेकिन निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगाना सही नहीं है. इससे मजदूरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ता है और उन प्रोजेक्ट्स में देरी होती है, जो पहले से ही रेरा के सख्त नियमों के तहत काम कर रहे हैं. रियल एस्टेट सेक्टर असंगठित मजदूरों का सबसे बड़ा सहारा है, और हर बार काम रुकने से प्रोजेक्ट का बजट और समय गड़बड़ा जाता है.
रेरा-अनुमोदित प्रोजेक्ट्स को मिलनी चाहिए छूट
मनोज गौड़ आगे कहते हैं, 'रेरा के नियमों के मुताबिक, समय पर प्रोजेक्ट पूरा करना जरूरी है, वरना जुर्माना देना पड़ता है. इस वक्त हजारों घर बन रहे हैं, और लोग अपने घर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में ग्रैप के तहत रेरा-अनुमोदित प्रोजेक्ट्स को छूट दी जाए, तो विकास कार्य भी चलता रहेगा और आर्थिक संतुलन भी बना रहेगा." काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि जिम्मेदार रियल एस्टेट डेवलपर्स होने के नाते, हम सरकार की ग्रैप योजना का पूरा समर्थन करते हैं.
पर्यावरण को नुकसान वाले काम को रोकना चाहिए
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बकौल अमित मोदी, 'दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को कम करना बहुत जरूरी है, और रियल एस्टेट व निर्माण क्षेत्र को भी इसमें अपनी भूमिका निभानी चाहिए. इसके लिए, ऐसे काम जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए रोकना चाहिए. फिलहाल डेवलपर्स को साइट पर सिर्फ उन कामों पर ध्यान देना चाहिए, जो प्रदूषण नहीं करते, जैसे कि लकड़ी का काम, पाइप फिटिंग, फर्श लगाना, एल्यूमिनियम और कांच की फिटिंग, बिजली वायरिंग, सैनिटरी फिटिंग और बागवानी जैसे काम. इससे यह सुनिश्चित होगा कि घर खरीदारों को दिए गए समय पर काम पूरा हो और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचे. हमारा मानना है कि इस मुश्किल वक्त में डेवलपर्स को पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को अपनाकर काम करना चाहिए.'
सनडीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता ने सुझाए ये कदम
सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और इसे कम करने के लिए ग्रैप जैसे कदम जरूरी हैं. हालांकि, निर्माण कार्य पूरी तरह रोकने के बजाय, हमें ऐसी रणनीतियां अपनानी चाहिए जो पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखें. उदाहरण के लिए, निर्माण सामग्री की ढुलाई और मिक्सिंग जैसे प्रदूषणकारी कार्य रोकने चाहिए, लेकिन इंटीरियर वर्क, पेंटिंग, और फिटिंग जैसे काम जारी रखे जा सकते हैं. इससे प्रोजेक्ट की समय-सीमा पर असर नहीं पड़ेगा और मजदूरों की आजीविका भी सुरक्षित रहेगी.
अंसल हाउसिंग ने की है ये तैयारी
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल के अनुसार ग्रैप लागू होने से निर्माण कार्यों पर पाबंदी लगती है, जिससे कुछ हद तक प्रदूषण कम होता है. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि रियल एस्टेट सेक्टर लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ा है. हमारी सलाह है कि सरकार रेरा-अनुमोदित प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करे. हमें ऐसी तकनीक और प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिए जो पर्यावरण के अनुकूल हों, जैसे प्री-कास्ट निर्माण तकनीक या धूल नियंत्रक उपकरण. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ घर खरीदारों की उम्मीदें भी पूरी होंगी.
05:16 PM IST