इंश्योरेंस पॅालिसी लेने से पहले जानें क्या है जीरो कॉस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान, कब चूज कर सकते हैं इसे- चेक करें डीटेल्स
जीरो कॅास्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान के तहत आप पॅालिसी को कभी भी बंद कर सकते हैं. जिसके लिए आपको ज्यादा कॅास्ट भी नहीं पे करना पड़ता.
जब भी लाइफ इंश्योरेंस पॅालिसी की बात आती है. तो मार्केट में दो तरह की स्कीम पर ध्यान जाता है. जिनमें प्योर टर्म प्लान (Pure term Plan) और आरओपी या रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान (Return Of Premium Plan) शामिल हैं. अगर पॅालिसीहोल्डर स्कीम की ड्यूरेशन के दौरान या उसके बाद भी जीवित रहते हैं. तब भी प्योर टर्म प्लान मैच्योरिटी बैनिफिट ऑफर नहीं करते हैं. लेकिन पॉलिसी अवधि के भीतर इंश्योर्ड पर्सन की मृत्यु हो जाती है. तब ये बेनिफिशियरी को लम्प सम अमाउंट देते हैं. दूसरी ओर आरओपी में अगर कोई इंसान पॉलिसी की ड्यूरेशन को सर्वाइव कर जाता है. तो इंश्योर्ड पर्सन को प्रीमियम रिर्टन कर दिया जाता है. लेकिन इस स्कीम में पॉलिसी होल्डर को कुछ एक्सट्रा चार्ज देना पड़ता है. वहीं जीरो कॅास्ट टर्म प्लान्स (Zero cost term insurance) एक नए तरह की कैटेगरी है. ये प्लान नॅार्मल लाइफ इंश्योरेंस टर्म और टर्म रिटर्न ऑफ प्रीमियम स्कीम से अलग है. जीरो-कॉस्ट टर्म प्लान के तहत, आप किसी भी समय अपनी पॉलिसी बंद कर सकते हैं. साथ ही प्रीमियम का पेमेंट भी बंद कर सकते हैं. ये पॅालिसी नॅार्मल टर्म पॉलिसी से महंगी नहीं हैं. पॉलिसी बंद करने के बाद कस्टमर को प्रीमियम वापस मिल जाता है, जो उन्होंने जीएसटी घटाकर चुकाया है. मैक्स लाइफ, एचडीएफसी लाइफ और बजाज आलियांज जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को रीजनेबल दर पर जीरो कॅास्ट टर्म प्लान्स ऑफर कर रहीं हैं.
कैसे जीरो कॅास्ट टर्म अलग है अन्य प्लान से
टर्म प्लान के तहत दो कैटेगरी आती हैं. एक रेगुलर टर्म प्लान (Regular Term Plan) और दूसरी टीआरओपी प्लान (TROP). रेगुलर टर्म प्लान के तहत, पॉलिसीहोल्डर एक निश्चित ड्यूरेशन तक प्रीमियम की एक राशि का भुगतान करता है. अगर उस समय के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है, तो राशि का भुगतान फैमिली या बेनिफिशियरी को किया जाता है. जबकि जब कोई टीआरओपी स्कीम खरीदता है, तो उसको डैथ बेनिफिट भी मिलता है. जिसका मतलब है कि पॉलिसी की ड्यूरोशन तक जीवित रहने पर पॉलिसी होल्डर को सभी प्रीमियम वापस मिल जाएंगे. वहीं जीरो-टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी एक नई तरह की स्कीम है. जिसमें पॉलिसी होल्डर के पास स्कीम को जब तक वे चाहतें हैं तब तक ही जारी रखने का ऑप्शन होता है.
जीरो-टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे
आमतौर पर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर निकलने से पॉलिसीहोल्डर के पास में कुछ नहीं बचता है. लेकिन जीरो-टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत पॉलिसीहोल्डर जरुरत न होने पर पॉलिसी को बंद कर सकते हैं. साथ ही उनको जीएसटी घटाने के बाद पेमेंट किए गए प्रीमियम मिल जाते हैं. ये प्लान TROP या टर्म रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान्स की तुलना में रीजनेबल हैं. जीरो-टर्म इंश्योरेंस प्लान उन लोगों के लिए अच्छा है जो लंबी ड्यूरेशन के कवर की तलाश में हैं. लेकिन अपनी रिटायरमेंट की उम्र को लेकर श्यॅार नहीं हैं. जीरो कॅास्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान केवल 35-40 साल के लाइफ कवर के साथ ही मौजूद होतें हैं.
TRENDING NOW
गिरते बाजार में कमाई कराएंगे ये शेयर! इंट्राडे से लेकर एक साल के नजरिए तक...एक्सपर्ट ने चुने ये स्टॉक्स
ITR भरने में गलती से भी न कर देना ये Mistake, वरना लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, आयकर विभाग ने किया अलर्ट
देवभूमि के इस Hill Station पर कभी भारतीयों को पैर रखने की भी नहीं थी इजाजत, अंग्रेजों ने लिखवाया था 'Indians Not Allowed'
गिरते बाजार में क्या करें ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स, अनिल सिंघवी से जानें- पोर्टफोलियो को नुकसान से कैसे बचाएं?
ट्रंप की जीत ने पलट दिया पासा, अब भारतीय शेयर बाजार पकड़ेगा तेज रफ्तार, ग्लोबल ब्रोकरेज ने किया बड़ा ऐलान
बाजार में गिरावट से टॉप 8 कंपनियों को लगा तगड़ा झटका, ₹1.65 लाख करोड़ घटा मार्केट कैप, ये 2 कंपनियां रही फायदे में
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
12:19 PM IST