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Portfolio Diversification: पोर्टफोलियो से अनचाहे फंड्स की करें सफाई, एक्सपर्ट्स से समझें फंड मैनेजमेंट का ये फंडा
Portfolio Diversification: अपने पोर्टफोलियो को और फायदेमंद बनाने के लिए आप उसे डायवर्सिफाई कर सकते हैं. आइए एक्सपर्ट्स से समझते हैं इसकी पूरी गणित.
(Source: Reuters)
(Source: Reuters)
Portfolio Diversification: डायवर्सिफिकेशन- यानी कि अपने निवेश को जोखिम के अनुसार बांटना. डायवर्सिफिकेशन सिर्फ अलग-अलग एसेट क्लास में ही बांटना नहीं होता है, बल्कि विभिन्न AMC और अलग-अलग कैटेगरी और मार्केट कैप में एक्सपोजर्स भी हासिल किया जा सकता है. डायवर्सिफिकेशन के जरिए आप अपने पोर्टफोलियो से अनचाहे निवेश से भी छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए हमारे साथ हैं ऑप्टिमा मनी के पंकज मठपाल और कम्प्लीट सर्कल वेल्थ के सीईओ क्षितिज महाजन.
क्या होता है डायवर्सिफिकेशन
- अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
- पूंजी को विभिन्न एसेट क्लास में बांटना
- डायवर्सिफिकेशन से जोखिम कम करने में आसानी
- बाजार के अलग मूड में हर एसेट क्लास की अलग चाल
- एक एसेट में खराब प्रदर्शन तो दूसरा स्थिरता देगा
भीड़ नहीं,कितने फंड सही?
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 10, 2023
क्या होता है AMC रिस्क?
कैसे निकालें अनचाहे फंड?
पोर्टफोलियो की सफाई करें डायवर्सिफाई
#MoneyGuru में आज देखिए - पोर्टफोलियो की सफाई
करें डायवर्सिफाई@rainaswati @PankajMathpal @kshitiz_m https://t.co/i9PyQig5Nx
पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई-कैसे करें?
- एसेट क्लास बेस्ड
- फंड बेस्ड
- कैटेगरी बेस्ड
डायवर्सिफिकेशन का सही तरीका
- अलग-अलग कैटेगरी/फंड हाउस में निवेश करें
- अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश को बांटें
- सही एसेट एलोकेशन से निवेश डायवर्सिफाई करने में आसानी
- एसेट क्लास का चुनाव रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक करें
कैसे होता है ओवर-डायवर्सिफिकेशन?
- 10-12 म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश
- एक ही कैटेगरी की कई स्कीम में निवेश
- पोर्टफोलियो में एक ही AMC के बहुत सारे फंड
- एक ही एसेट क्लास में ज्यादा एक्सपोजर
डायवर्सिफिकेशन का सही तरीका
- जोखिम कम करने का तरीका डायवर्सिफिकेशन
- दो प्रकार के जोखिम हैं-सिस्टमैटिक और अनसिस्टमैटिक
- डायवर्सिफिकेशन से अनसिस्टमैटिक रिस्क कम करना आसान
- सिस्टमैटिक रिस्क यानि मार्केट रिस्क को डायवर्सिफाई करना मुश्किल
एसेट क्लास और जोखिम
-
मुख्य तौर पर 5 एसेट क्लास
- इक्विटी,फिक्स्ड इनकम,रियल एस्टेट,गोल्ड,लिक्विड
- हर एसेट क्लास का बाजार के बदलाव पर अलग असर
- गिरते बाजार में इक्विटी में नेगेटिव असर
- अनिश्चित बाजार में सोने में सुरक्षित निवेश बढ़ता है
- ब्याज दरों में गिरावट/बढ़त का असर डेट पर दिखेगा
इक्विटी में डायवर्सिफिकेशन
- इक्विटी पोर्टफोलियो में भी डायवर्सिफिकेशन जरूरी
- जैसे डायरेक्ट इक्विटी,PMS,MF और AIF
- PMS- पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज
- AIF- अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड
- एक ही एसेट क्लास में जोखिम के अनुसार विकल्प चुनें
मार्केट कैप डायवर्सिफिकेशन
- म्यूचुअल फंड की 15 कैटेगरी में 6 मार्केट कैप बेस्ड
- अलग-अलग मार्केट कैप का मार्केट साइकल में अलग प्रदर्शन
- पोर्टफोलियो में हर मार्केट कैप का एक्सपोजर रखें
- लार्जकैप,मिडकैप,स्मॉलकैप में निवेश को डायवर्सिफाई करें
स्टाइल बेस्ड डायवर्सिफिकेशन
- निवेश के दो स्टाइल- ग्रोथ और वैल्यू
- बाजार की तेजी में वैल्यू स्टाइल कारगर
- कमजोर बाजार में ग्रोथ स्टाइल आता है काम
- पोर्टफोलियों में दोनों निवेश स्टाइल के स्टॉक होना जरूरी
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Written By:
स्वाति रैना
Updated: Fri, Mar 10, 2023
08:44 PM IST
08:44 PM IST
नई दिल्ली