7 लाख तक की आय टैक्स फ्री, न्यू टैक्स रिजीम में कई फायदे- आज से टैक्सपेयर्स को मानने होंगे ये 13 नए Income Tax Rules
New Income Tax Rules: आज से इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव हो रहे हैं. नई टैक्स रिजीम फोकस में है. हम आपको ऐसे सभी इनकम टैक्स नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि आज से आपको प्रभावित करेंगे.
Income Tax Rules: इनकम टैक्स नियमों में आज से कई बदलाव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Income Tax Rules: इनकम टैक्स नियमों में आज से कई बदलाव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
New Income Tax Rules: नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है और हर टैक्सपेयर के लिए इनकम टैक्स नियमों से जुड़े बदलाव भी लागू हो चुके हैं. आज से इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव हो रहे हैं. नई टैक्स रिजीम फोकस में है, वहीं कई तरह के टैक्स बेनेफिट भी चर्चा में हैं, जो कहीं मिल रहा है, तो कहीं हटाया जा रहा है. हम आपको ऐसे सभी इनकम टैक्स नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि आज से आपको प्रभावित करेंगे.
1. नया टैक्स रिजीम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है
आज से नई टैक्स रिजीम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है. अब आईटीआर पोर्टल पर पूरा फॉर्मेट न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से होगा, अगर आपको पुराने टैक्स रिजीम में टैक्स रिटर्न फाइल करना है तो आपको अलग से इसे चूज़ करना पड़ेगा. आपको पास ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स फाइल करने का ऑप्शन रहेगा. निवेश और HRA जैसी छूट वाली पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. टीडीएस भरने वाले टैक्सपेयर्स का टैक्स न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब के आधार पर कटेगा, ऐसे में आपको ध्यान से रिजीम चुनकर टैक्स भरना होगा.
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2. न्यू टैक्स रिजीम में बदले हैं टैक्स स्लैब
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न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब सात से घटाकर छह कर दिया गया है. अब इसमें 3 लाख तक की आय टैक्सफ्री है. पुरानी टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्सफ्री होती है. 3 लाख से 6 लाख पर 5%, 6 लाख से 9 तक की आय पर 10%, 9 लाख से 12 लाख तक की आय पर 15%, 12 लाख से 15 लाख की आय पर 20%, 15 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लगेगा.
3. न्यू टैक्स रिजीम में 87A के तहत मिलेगी रिबेट
न्यू टैक्स रिजीम में 87A के तहत एक्जेम्पशन लिमिट बढ़ा दी गई है. अब एक्जेम्पशन के साथ 7 लाख तक की आय रखने वालों को कोई टैक्स नहीं भरना होगा. अधिकतम रिबेट की सीमा 25,000 रुपये है. यानी 7 लाख तक की आय रखने वालों को बिना कोई एक्जेम्प्शन क्लेम किए बिना भी टैक्स नहीं भरना होगा. इसके अलावा, फाइनेंस बिल (Finance Bill) में संशोधन किया गया है कि 7 लाख रुपये की टैक्स फ्री इनकमट से कुछ अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को केवल अतिरिक्त इनकम पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा.
4. पहली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन का मिलेगा फायदा
पहली बार नई टैक्स रिजीम के तहत भी 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ का प्रस्ताव किया गया है. अभी तक यह बस ओल्ड टैक्स रिजीम में ही मिलता था. जो भी सैलरीड इंप्लॉई और पेंशनर्स नई टैक्स रिजीम चुनेंगे, उन्हें भी 50,000 रुपये की छूट मिलेगी.
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5. टैक्स सरचार्ज
बजट-2023 में हाई सरचार्ज को भी कम करने की घोषणा की गई है. अब आज से 37% का टैक्स सरचार्ज घटकर 25% हो गया है. 5 करोड़ सालाना के ऊपर आने वाले टैक्सपेयर्स अब 25% सरचार्ज भरेंगे.
6. लीव एन्कैशमेंट पर छूट
अब गैर-सरकारी सैलरीड प्रोफेशनल्स के लिए लीव एन्कैशमेंट की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है.
7. लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्सेशन
1 अप्रैल, 2023 के बाद जारी की जाने वाली ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी जिनपर आप सालाना 5 लाख से ज्यादा का प्रीमियम भरते हैं, उनसे होने वाली कमाई टैक्सेबल हो जाएगी. यानी आपको इसपर टैक्स भरना होगा.
8. म्यूचुअल फंड्स पर टैक्सेशन
ऐसे डेट म्यूचुअल फंड्स जिनका इक्विटी में एक्सपोजर 35% से कम है, उनपर अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा. अगर आप उन्हें 3 साल से ज्यादा पीरियड के लिए भी होल्ड करते हैं तो आपको इसपर स्मॉल टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. और इसपर आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
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9. हाउस प्रॉपर्टी पर टैक्सेशन
अभी तक टैक्सपेयर्स को कोई भी हाउस प्रॉपर्टी या कैपिटल असेट बेचने और इससे मिली रकम को किसी नए घर में लगाने पर सेक्शन 54 और 54F के तहत टैक्स इंसेंटिव मिलता था. लेकिन आज से इस इंसेंटिव की लिमिट 10 करोड़ हो जाएगी. यानी इससे ऊपर के अमाउंट पर आपको 20% (इंडेक्सेशन बेनेफिट) के रेट से टैक्स भरना होगा.
11. 44AD और 44ADA के तहत सीमा बढ़ाई गई
MSMEs के लिए प्रीजम्पटिव स्कीम 44AD के तहत थ्रेशॉल्ड 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया है. वहीं प्रोफेशनल्स के लिए 44ADA के तहत यह 50 लाख से 75 लाख की गई है. हालांकि, कैश रिसीट 5% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
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12. गोल्ड कन्वर्जन पर टैक्सेशन
अगर आप 1 अप्रैल से फिजिकल गोल्ड को ई-गोल्ड या ई-गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट कराते हैं तो आपको इसपर कोई कैपिटल गैन टैक्स नहीं देना होगा. गोल्ड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. हालांकि, अगर आप कन्वर्जन के बाद इसे बेचेंगे तो आपको LTCG के नियमों के तहत टैक्स भरना होगा.
13. ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन
ऑनलाइन गेमिंग को टैक्सेशन के दायरे में लाया गया है. अब नए सेक्शन 115BBJ के तहत ऑनलाइन गेमिंग से हुई कमाई, चाहे कैश हो वाउचर या कुछ भी, उसपर 30% की दर से टीडीएस लगेगा.
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04:02 PM IST