जनवरी से कम मिलेगी सैलरी! चाहते हैं पूरी मिल जाए तो Proof के साथ जमा करें ये डॉक्यूमेंट्स, अब सिर्फ इतने दिन का बचा है टाइम
Investment Proof: फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ आपसे अपने टैक्स इन्वेस्टमेंट की घोषणा करने को कहा जाता है, और दिसंबर-जनवरी के आसपास आपको इसके लिए इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने होते हैं.
Investment Proof: दिसंबर-जनवरी का महीना है और सैलरीड प्रोफेशनल्स के लिए अपना इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने का वक्त आ रहा है. कंपनियां इसी टाइम के दौरान इन्वेस्टमेंट प्रूफ मांगती हैं. फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ आपसे अपने टैक्स इन्वेस्टमेंट की घोषणा करने को कहा जाता है, और इस टाइम के आसपास आपको इसके लिए इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने होते हैं. आपके इन्वेस्टमेंट डेक्लेरेशन के आधार पर आपकी कंपनी ये कैलकुलेट करती है कि आपका कितना TDS (tax deducted at source) कटेगा. आमतौर पर, कंपनियां 15 जनवरी तक इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने को कहती हैं.
क्यों जमा करना होता है इन्वेस्टमेंट प्रूफ?
आपकी इनकम के आधार पर कंपनी आपकी सैलरी से टीडीएस काटती है और टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा करती है. आपके इन्वेस्टमेंट डेक्लेरेशन के आधार पर यह डिडक्शन होता है. अब चूंकि ये डिडक्शन सही और वैलिड हो, इसके लिए आपकी कंपनी आपसे इन्वेस्टमेंट प्रूफ मांगती है. जरूरी नहीं है कि कंपनी को इसे टैक्स डिपार्टमेंट को जमा करना हो, वो डीटेल्स वेरिफाई करने के लिए भी आपसे प्रूफ मांग सकती है क्योंकि उन्हें वित्तीय साल खत्म होने के पहले टीडीएस एडजस्ट करना होता है. अगर आप प्रूफ नहीं जमा करते हैं तो आपकी सैलरी से ज्यादा पैसा कट जाता है, टैक्स छूट नहीं मिल पाता.
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट देने होंगे?
आपको इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर ऐसे डॉक्यूमेंट्स देने होते हैं, जो आपके सभी इन्वेस्टमेंट और खर्चों का ब्यौरा दें. इससे आप टैक्स में छूट ले सकते हैं.
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1. इंश्योरेंस: अगर आप इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरते हैं तो आप लाइफ इंश्योरेंस, यूलिप और हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम रसीद को इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर दिखा सकते हैं, इसपर आपको टैक्स छूट मिल जाती है.
2. म्यूचुअल फंड: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो इसे भी दिखाएं. इक्विटी लिंक्ड स्कीम में पैसे डिपॉजिट की रसीद दिखा सकते हैं.
3. स्मॉल सेविंग्स स्कीम: अगर आप पब्लिक प्रॉविडेंट फंड जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं तो इसका भी इन्वेस्टमेंट प्रूफ दिखाएं. इसके लिए आप पोस्ट ऑफिस या बैंक से मिली अपनी रसीद दिखा सकते हैं.
4. लोन: अगर आप कोई लोन भर रहे हैं तो इसके लिए भी अपने लोन डॉक्यूमेंट की प्रति दिखा सकते हैं.
5. ट्यूशन फीस: अगर आपके बच्चे हैं और आप उनको ट्यूशन करा रहे हैं तो इसके लिए आपको फीस की रसीद दिखा सकते हैं, इसपर भी आपको टैक्स छूट मिल जाती है.
6. LTA यानी लीव ट्रैवल अलाउंस: अगर आपने कहीं यात्रा की है तो अपने टिकट दिखाकर इसपर लीव ट्रैवल अलाउंस भी ले सकते हैं.
7. HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस: रेंट रिसीट देना भी बहुत कॉमन है. आप किराये पर रहते हैं तो रेंट रसीद देकर टैक्स बचा सकते हैं.
04:52 PM IST