Mutual Funds में लंबे समय के निवेश की है प्लानिंग तो ये स्कीम है बेहतर ऑप्शन, शानदार रिटर्न के साथ टैक्स बेनिफिट्स भी मिलेंगे
म्यूचुअल फंड्स का निवेश टैक्स के दायरे में आता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम के बारे में जो जिसमें आपको टैक्स का फायदा भी मिल सकता है. इस स्कीम को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स के नाम से जाना जाता है.
ELSS Benefits: कहा जाता है कि अगर आप तेजी से पैसा बनाना चाहते हैं तो स्टॉक मार्केट में निवेश करें. लेकिन स्टॉक मार्केट में जोखिम बहुत होता है. अगर आपको मार्केट की जानकारी नहीं है, तो आपको बड़ा नुकसान भी भुगतना पड़ सकता है. ऐसे लोगों के लिए SIP निवेश का बेहतर जरिया हो सकता है. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना होता है. सीधे स्टॉक में पैसा लगाने की तुलना में म्यूचुअल फंड में जोखिम कम होता है. इसमें कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है.
लेकिन म्यूचुअल फंड्स का निवेश टैक्स के दायरे में आता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम के बारे में जो जिसमें आपको टैक्स का फायदा भी मिल सकता है. इस स्कीम को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (Equity Linked Saving Scheme-ELSS) के नाम से जाना जाता है. टैक्स बेनिफिट्स देने के कारण इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम भी कहते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड्स में लंबे समय के निवेश का मन बना चुके हैं तो इस स्कीम को चुन सकते हैं. यहां जानिए ELSS से जुड़ी खास बातें.
क्या होता है ELSS
ELSS फंड में कुल असेट का कम से कम 80 फीसदी इक्विटी और इक्विटी-रिलेटेड सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है. Equity Funds स्टॉक फंड के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें आपका पैसा स्टॉक्स में लगाया जाता है. अगर निवेश का लंबे समय तक का प्लान है तो फिर निवेशक को इक्विटी फंड में इन्वेस्ट करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वो बाजार में अस्थिरता से हुए नुकसान को पूरा कर सकते हैं. हालांकि, इसमें मार्केट के स्थिर रहने पर निगेटिव रिटर्न्स की भी काफी आशंका होती है.
तीन साल का लॉक इन पीरियड
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में आप पैसा एकमुश्त भी जमा कर सकते हैं और SIP के जरिए भी कर सकते हैं. इसका लॉक इन पीरियड एनएससी, टैक्स सेविंग एफडी जैसी स्कीम्स की तुलना में कम समय का होता है. इन स्कीम्स का लॉक इन पीरियड पांच साल का होता है, जबकि ELSS का लॉक इन पीरियड सिर्फ तीन साल का होता है.इसके बाद आप जब चाहे पैसा निकाल सकते हैं या अपने निवेश को जारी रख सकते हैं.
लॉकइन पीरियड के बाद मिलते हैं टैक्स बेनिफिट्स
ELSS स्कीम्स से 3 साल बाद अगर आप रकम निकासी करते हैं तो टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक आयकर छूट मिलती है. इस डिडक्शन का फायदा आपको सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलेगा. इसके अलावा दूसरी टैक्स छूट आपको निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर मिलती है. दरअसल इसमें मिलने वाले रिटर्न पर भी कैपिटल गेन टैक्स लगता है. ELSS पर 1 लाख रुपए तक लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री रहता है. इससे ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इसके अलावा सेस और सरचार्ज देना होता है.
500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं निवेश
ELSS में आपको अपने बजट और सुविधा के हिसाब से स्कीम चुनने का विकल्प मिलता है. आप इसमें महज 500 रुपए से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. एक्सपर्ट्स की मानें तो ईएलएसएस में लंबे समय का निवेश बेहतर रिटर्न दे सकता है. ऐसे में ये वेल्थ क्रिएशन की काबिलियत रखता है.
10:51 AM IST