Budget Exclusive: आ रही है गुड न्यूज- New Tax Regime में मिल सकती है नई टैक्स छूट, EPF हो सकता है Mandatory!
Budget 2025 New Tax Regime Changes EPF Mandatory Plans: सूत्रों की मानें तो इसमें EPF (Employees Provident Fund) को सभी स्लैब्स के लिए Mandatory बनाने पर विचार चल रहा है. सरकार का फोकस New Tax Regime को प्रोत्साहित करने पर है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाएं.
Budget 2025 New Tax Regime Changes: साल 2025 का बजट मध्यम वर्ग पर फोकस्ड हो सकता है. खासकर नौकरीपेशा और टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकता है. केंद्र सरकार New Tax Regime को और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए नई टैक्स छूट का ऐलान कर सकती है. सूत्रों की मानें तो इसमें EPF (Employees Provident Fund) को सभी स्लैब्स के लिए Mandatory बनाने पर विचार चल रहा है. सरकार का फोकस New Tax Regime को प्रोत्साहित करने पर है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाएं. बता दें, साल 2023 से सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफाल्ट बनाया था.
EPF को किया जा सकता है शामिल
सूत्रों की मानें तो आने वाले बजट में न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए नौकरीपेशा को इम्प्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) पर छूट देने का ऐलान हो सकता है. इसे न्यू टैक्स रिजीम में बतौर मैंडेटरी बनाया जा सकता है. अभी तक ओल्ड टैक्स रिजीम में EPF को सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट में शामिल किया जाता है. एम्प्लॉयर की तरफ से फॉर्म 16 में भी डिडक्शन के तौर पर शामिल किया जाता है. कुल 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट शामिल है. एक्सपर्ट्स की मानें तो न्यू टैक्स रिजीम में EPF को शामिल करने से 80C की विंडो खुलने के आसार हैं. हालांकि, अभी तक ये कन्फर्म नहीं है कि इसे किस सेक्शन के आधार पर शामिल किया जाएगा या अलग से अतिरिक्त टैक्स छूट की तरह फायदा मिलेगा.
New Tax Regime- क्या हो सकते हैं बदलाव?
New Tax Regime की शुरुआत बजट 2020 में हुई थी, जहां पुराने टैक्स सिस्टम की तुलना में यह सरल और बिना ज्यादा डिडक्शन (छूट) के पेश किया गया था. हालांकि, इसे लेकर शुरुआत से ही टैक्सपेयर्स में मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है. सरकार अब इसे और आकर्षक बनाने की योजना बना रही है. बजट 2025 में नई छूट की संभावना है ताकि टैक्सपेयर्स को बचत के साथ साथ ज्यादा डिस्पोजेबल इनकम (खर्च योग्य आय) भी मिले.
क्या हैं नए टैक्स सिस्टम में छूट के प्रावधान?
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न्यू टैक्स रिजीम में साल 2023 में कुछ बदलाव किए गए. बेसिक छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया गया. वहीं, रिबेट के साथ टैक्स छूट की सीमा अब 5 लाख रुपए से बढ़कर 7 लाख रुपए है. टैक्स रिबेट को इस स्ट्रक्चर के लिए बढ़ाया गया था. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50,000 रुपए की टैक्स छूट है. ऐसे में नई टैक्स रिजीम में कुल 7.5 लाख रुपए तक की इकनम पर कोई टैक्स नहीं है.
मौजूदा New Tax Regime स्लैब
आय (Income) | टैक्स दर (Tax Rate) |
---|---|
₹0 से ₹3 लाख | शून्य (0%) |
₹3 लाख से ₹6 लाख | 5% |
₹6 लाख से ₹9 लाख | 10% |
₹9 लाख से ₹12 लाख | 15% |
₹12 लाख से ₹15 लाख | 20% |
₹15 लाख से अधिक | 30% |
ध्यान दें: यह मौजूदा टैक्स स्लैब है, लेकिन बजट 2025 में इसमें छूट या बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है.
EPF Mandatory- नौकरीपेशा के लिए नई सुविधा?
सरकार Employees Provident Fund (EPF) को सभी के लिए Mandatory बनाने पर विचार कर रही है. इससे नौकरीपेशा लोगों को हर महीने अपनी सैलरी का हिस्सा PF के तौर पर बचाना अनिवार्य होगा. इसका मकसद कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्लानिंग को सुरक्षित बनाना है. EPF आपकी रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक जरूरतें पूरी करता है. इसमें निवेश की गारंटी होती है और रिटर्न सुरक्षित रहते हैं. EPF पर ओल्ड टैक्स सिस्टम में सरकार की तरफ से टैक्स बेनेफिट भी मिलता है. अगर न्यू टैक्स सिस्टम में भी सरकार EPF को अनिवार्य बनाती है तो इससे नौकरीपेशा को बड़ा फायदा होगा.
New Tax Regime में क्या है चुनौतियां?
New Tax Regime में 80C, HRA, और 80D जैसे टैक्स छूट के विकल्प नहीं मिलते हैं. सरकार 80C जैसी छूट को New Tax Regime में शामिल कर सकती है. टैक्सपेयर्स को बचत के बजाय खर्च पर फोकस होता है. EPF और दूसरे सेफ इन्वेस्टमेंट को जोड़कर इसे आकर्षक बनाया जा सकता है. फिलहाल ज्यादातर टैक्सपेयर्स पुरानी व्यवस्था को चुनते हैं. सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव और नई छूट देकर इसे पॉपुलर बना सकती है.
03:58 PM IST