Gold Vs Mutual Funds: निवेश के लिए कौन बेहतर? फैसला लेने से पहले जान लें फायदे और नुकसान
गोल्ड हमेशा से पारंपरिक निवेश का साधन रहा है, लेकिन इन्वेस्टमेंट के मामले में बीते कुछ समय से Mutual Funds की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है. यहां जानिए गोल्ड और म्यूचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान, फिर तय कीजिए कि आपको कहां निवेश करना है.
अगर आप वास्तव में अपनी लाइफ को सिक्योर करना चाहते हैं तो इन्वेस्टमेंट करना बहुत जरूरी है क्याकि निवेश के जरिए आपकी सेविंग्स बढ़ती है. पुराने समय में लोग अक्सर सोना खरीदा करते थे, क्योंकि सोने के जेवरात उनके काम भी आते थे और इसके जरिए वो इमरजेंसी के लिए सेविंग्स कर लेते थे. आज भी सोने में लोगों की रुचि कम नहीं है. लेकिन इन्वेस्टमेंट के मामले में बीते कुछ समय से Mutual Funds की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है. आज के समय में म्यूचुअल फंड्स को निवेश के बेहतरीन ऑप्शन्स में गिना जाता है. अगर आप भी अपना पैसा कहीं निवेश करना चाहते हैं तो यहां जान लीजिए गोल्ड और म्यूचुअल फंड्स में निवेश के फायदे और नुकसान. इसके बाद आप ये खुद समझ सकते हैं कि आपके लिए इनमें से कौन सा ऑप्शन बेहतर है.
गोल्ड में निवेश के क्या हैं फायदे?
- गोल्ड वर्षों से निवेश का भरोसेमंद विकल्प रहा है.
- इसे कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है.
- गोल्ड का भाव भी महंगाई के साथ-साथ बढ़ता है.
- इसे आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है.
- मुश्किल समय में आप गोल्ड को गिरवी रखकर कर्ज ले सकते हैं और पैसों की जरूरत पूरी कर सकते हैं.
- सोने में निवेश करके आप अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता ला सकते हैं.
- सोने की कीमतें आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के दौरान भी स्थिर रहती हैं.
- सोने को कहीं भी आसानी से साथ ले जाया जा सकता है.
- इंश्योरेंस की तरह सोना भी संकट का साथी है. कोरोना में बहुत सारे लोगों को सोने ने सहारा दिया.
- निवेश के लिहाज से जरूरी नहीं कि आप फिजिकल गोल्ड ही खरीदें, आप डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF भी खरीद सकते हैं. डिजिटल गोल्ड को 1 रुपए से भी खरीदा जा सकता है.
जानिए क्या हैं गोल्ड में निवेश के नुकसान
सोने की कीमतें समय के साथ बढ़ती रहती हैं, लेकिन ये स्टॉक या रियल एस्टेट जैसे ऑप्शंस को टक्कर नहीं दे पाता.
फिजिकल गोल्ड को संभालकर रखना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा फिजिकल गोल्ड ज्यादा हो तो आपको इसे सुरक्षित रूप से रखने के लिए बैंक लॉकर या अन्य सुरक्षा सेवा किराए पर लेनी पड़ सकती है. जिसके लिए चार्ज देना होता है. फिजिकल गोल्ड खरीदते समय आपको मेकिंग चार्ज भी देना पड़ता है. हालांकि आज के समय में डिजिटल गोल्ड का ऑप्शन भी मौजूद है, जिसमें मेकिंग चार्ज नहीं लगता. गोल्ड से आप नियमित इनकम नहीं ले सकते.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश क्यों करें?
- म्यूचुअल फंड्स एक ऐसा निवेश है जहां आपका पैसा शेयर बाजार, बॉन्ड्स, और अन्य एसेट्स में डाइवर्सिफाई होता है.
- शेयर बाजार के अच्छे प्रदर्शन पर म्यूचुअल फंड्स बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.
- इसमें आपका पैसा कई जगहों पर लगाया जाता है, जिससे जोखिम कम होता है.
- जरूरत पड़ने पर म्यूचुअल फंड्स को तुरंत भुनाया जा सकता है.
- इसमें आपको SIP के जरिए छोटे-छोटे अमाउंट में निवेश करने की सुविधा मिलती है.
- म्यूचुअल फंड्स के पिछले रिकॉर्ड्स बताते हैं कि इसमें महंगाई को मात देने की क्षमता है. लॉन्ग टर्म में इससे मोटा पैसा बनाया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश के नुकसान
- ये मार्केट बेस्ड स्कीम है, इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती. बाजार में गिरावट होने पर नुकसान हो सकता है.
- अच्छे रिटर्न के लिए लंबी अवधि का निवेश करने की सलाह दी जाती है और इसके लिए धैर्य रखना जरूरी है.
- म्यूचुअल फंड्स में मैनेजमेंट फीस लगती है.
- म्यूचुअल फंड्स कई तरह के होते हैं. आमतौर पर इसमें किया गया निवेश टैक्स के दायरे में आता है. हालांकि ELSS स्कीम आपको टैक्स बेनिफिट देती है.
गोल्ड या म्यूचुअल फंड्स, आपके लिए कौन सा विकल्प सही?
गोल्ड और म्यूचुअल फंड्स दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं. निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल गोल्स, समयावधि और जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करें. अगर आप कम जोखिम चाहते हैं और महंगाई से बचाव करना चाहते हैं, तो गोल्ड अच्छा विकल्प है. लेकिन अगर आप हाई रिटर्न के लिए लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और थोड़ा जोखिम भी ले सकते हैं तो म्यूचुअल फंड्स बेहतर है. डाइवर्सिफिकेशन के लिए दोनों में निवेश करें.
07:00 AM IST