बैंक FD में भी है रिस्क! निवेश से पहले जान लें ये 5 बातें, नहीं होगा नुकसान
Risk in Bank Fixed Deposit (FDs): क्या वाकई बैंकों की एफडी में कोई रिस्क नहीं रहता है. पूरा पैसा सेफ रहता है?
(Representational)
(Representational)
Risk in Fixed Deposit (FDs): बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FDs) देश में इन्वेस्टमेंट को लेकर एक पॉपुलर और ट्रेडिशनल ऑप्शन है. लोगों का यह मानना है कि बैंकों में पैसा पूरी तरह सेफ रहता है और रिटर्न भी गारंटीड मिलता है. इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई खतरा नहीं रहता है. लेकिन, क्या वाकई बैंकों की एफडी में कोई रिस्क नहीं रहता है. पूरा पैसा सेफ रहता है? दरअसल, ऐसा नहीं है. बैंक FDs में भी कुछ रिस्क फैक्टर रहते हैं. डिपॉजिट से पहले हमें जान लेना चाहिए.
डिपॉजिट नहीं है पूरा सेफ
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है, आमतौर पर लोग बैंक एफडी को पूरी तरह सुरक्षित मानते हैं और अपनी बड़ी रकम उसमें निवेश करते हैं. वैसे तो एफडी में रकम सुरक्षित ही होती है, लेकिन अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफाल्ट कर जाए तो निवेशकों की सिर्फ 5 लाख तक डिपॉजिट ही सेफ रहता है. फाइनेंस कंपनियों पर भी यही नियम लागू है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्योरेंस गारंटी देता है.
बढ़ती महंगाई से घटता है रिटर्न
निगम का कहना है, एफडी पर रिटर्न यानी ब्याज दर फिक्स और पहले से तय होता है. लेकिन महंगाई लगातार बढ़ती रह सकती है. ऐसे में अगर महंगाई को एडजस्ट करें, तो एफडी पर मिलने वाला रिटर्न मौजूदा दौर में बहुत कम है. मान लीजिए अगर महंगाई दर 6 फीसदी हो गई और एफडी पर मिलने वाला ब्याज 5-6 फीसदी के बीच ही है, तो आपको निगेटिव रिटर्न ही मिलेगा.
लिक्विडिटी की दिक्कत
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
निगम कहते हैं, बैंक एफडी में लिक्विडिटी का इश्यू होता है. वैसे तो जरूरत पड़ने पर एफडी तोड़ी जा सकती है, लेकिन इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी पड़ती है. एफडी पर क्या पेनल्टी अमाउंट होगा यह अमाउंट अलग अलग बैंकों में अलग अलग हो सकता है. अगर आपने कोई टैक्स सेविंग एफडी में निवेश किया हुआ है, तो आप इसको 5 साल की अवधि से पहले भी निकाल सकते हैं. लेकिन तब आपको इनकम टैकस में छूट का फायदा नहीं मिलेगा.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
रीइन्वेस्टमेंट ऑप्शन में नुकसान
बाजार में डिपॉजिट पर ब्याज दरें लगातार कम हो रही हैं. ऐसे में अगर आप एफडी में रीइन्वेस्टमेंट ऑप्शन चुनते हैं, तो वह रकम अपने आप फिर से रीइन्वेस्ट हो जाएगी. लेकिन, यहां आपको यह ध्यान रखना होगा कि अगर बाजार में ब्याज दरें और घट गई तो आपका एफडी पुराने रेट पर नहीं होगा, बल्कि यह घटे हुए ब्याज दर पर ही होगा. ऐसे में आपको पहले से कम रिटर्न मिलेगा.
1 दिन के अंतर से नुकसान
निगम का कहना है कि आमतौर पर लोग FD राउंड फिगर कहलाने वाली अवधि जैसे 6 माह, 1 साल, 2 साल आदि के हिसाब से कराते हैं. कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए, इससे 1 या थोड़े ज्यादा दिन या कम दिनों के लिए FD पर ब्याज दर अलग-अलग होती है. इसलिए FD खुलवाने से पहले FD अवधि और उस पर ब्याज का पता जरूर कर लें. हो सकता है कि राउंड फिगर अवधि के बजाय थोड़े दिन कम या ज्यादा पर कुछ एक्स्ट्रा ब्याज मिल जाए.
06:51 PM IST