भारत के दो कफ सिरप को लेकर WHO ने जारी किया रेड अलर्ट, इस्तेमाल को लेकर चेताया, आखिर मामला क्या है?
WHO ने भारत में बनने वाली दो कफ सिरप के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है. आइए जानते हैं आखिर ये मामला क्या है.
(Source: Pexels)
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने भारत में बनने वाले 2 कफ सिरप को लेकर Alert जारी किया है. WHO ने नोएडा की फार्मास्युटिकल कंपनी मेरियन बायोटेक फार्मा की खांसी की दवाई को लेकर चेतावनी दी है कि मेरियन बायोटेक के Cough Syrup का इस्तेमाल उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. WHO ने कहा है कि मेरियन बायोटेक के ये कफ सिरप ऐसे हैं, जो क्वालिटी से कोसों दूर हैं. ये अलर्ट AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप को लेकर जारी किया गया है.
कप सीरप के इस्तेमाल को लेकर WHO ने चेताया
WHO के मुताबिक, MARION BIOTECH PVT. LTD, (Uttar Pradesh, India). ने अब तक इन प्रोड्क्ट के सुरक्षित होने और क्वालिटी को लेकर कोई गारंटी नहीं दी है. और बताया है कि उजबेकिस्तान में हुए टेस्ट में इन दोनों ही सिरप में काफी मात्रा में diethylene glycol or ethylene glycol मिला है. WHO ने ये चेतावनी भी दी है कि किसी भी देश में अगर ये कफ सिरप है तो इसे प्रयोग ना करें.
WHO recommends not using two cough syrups of Noida-based Marion Biotech in Uzbekistan
— ANI Digital (@ani_digital) January 11, 2023
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क्यों खतरनाक है इसका इस्तेमाल
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WHO ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि Diethylene glycol और ethylene glycol इंसानों के लिए जानलेवा और जहरीले साबित हो सकते हैं. बच्चों में इसके इस्तेमाल से मौत हो सकती है. पेट में दर्द, उल्टी, दिमाग पर असर और किडनी खराब हो सकती है. हम आपको बता दें कि ये दोनो केमिकल अमेरिका और यूरोप में दवाओं के इस्तेमाल के लिए बैन हैं.
क्या हैं आरोप
हाल ही में मेरियन बायोटेक के इन कफ सिरप पर उज्बेकिस्तान की सरकार ने आरोप लगाए थे. कि भारत की फार्मा कंपनी के कफ सिरप से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई. नोएडा की मेरियन फार्मा के कफ सिरप से उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत के बाद भारत की फार्मा इंडस्ट्री पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. मेरियन फार्मा के DOK-1 सिरप में मौजूद Ethylene glycol या Diethylene glycol को बच्चों की हालत बिगड़ने के पीछे दोषी माना जा रहा है.
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आखिर गड़बड़ क्या है?
कंपनी की वेबसाइट पर पहले जो फार्मूला दर्ज था उसके मुताबिक Dok1 Max syrup में पैरासिटामोल, Guaifenesin और Phenylephrine Hydrochloride तत्व मौजूद हैं. लेकिन अब मेरियन फार्मा की वेबसाइट इंटरनेट से गायब है और Dok1 Max syrup की जानकारी भी कंपनी की वेबसाइट से नदारद हो चुकी है. Marion Biotech मेरियन बायोटेक दरअसल Emnox ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी है – इस ग्रुप का पेज भी वेबसाइट से गायब हो चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आमतौर पर इस तरह के कफ सिरप को बनाने की लागत कम करने के लिए इसमें Ethylene glycol या Diethylene glycol की मिलावट कर दी जाती है.
नोएडा की मेरियन फार्मा पर यूपी के ड्रग कंट्रोलर और केंद्र की संस्था CDSCO ने जांच शुरु कर दी है. कंपनी के सिरप DOK 1 के सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ की लैब में भेज दिए गए हैं. इस बीच सरकार ने कंपनी को प्रोडक्शन रोकने के आदेश दे दिए हैं. हालांकि कई दिन बाद भी इस मामले पर क्या नतीजा निकला इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय खामोश हैं.
क्या है इथलिन ग्लायकोल (Ethylene glycol)?
इथलिन ग्लायकोल एक केमिकल है – जो इंडस्ट्रियल और मेडिकल दोनों के इस्तेमाल में आता है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल यानी CDC की वेबसाइट के मुताबिक "Ethylene glycol (इथलिन ग्लायकोल) रंग और गंध रहित एक लिक्विड है जो मीठा होता है चीजों को जमने से रोकता है. हालांकि इसका ज्यादा इस्तेमाल किडनी और दिमाग पर बुरा असर डाल सकते हैं."
उज्बेकिस्तान में हुई मौतों का मुंबई के जे जे अस्पताल में 1986 में हुई मौतों से कनेक्शन
जनवरी 1986 में मुंबई के जेजे अस्पताल में 10 से 76 साल के 14 मरीजों की जान Ethylene glycol (इथलिन ग्लायकोल) की वजह से चली गई थी. उस समय ये कंपाउंड कफ सिरप के अलावा मोतियाबिंद के मरीजों को ग्लिसरीन के तौर पर दिया जाता था. नागपुर के एक मेडिकल कॉलेज में इसी वर्ष Ethylene glycol (इथलिन ग्लायकोल) की वजह से कुछ मरीजों की मौत हुई थी. जिसके बाद ये मामला अदालत तक पहुंचा था. उस समय नागपुर के गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे डॉ एस एस गंभीर ने बताया कि मरीजों की मौत की वजहों की जांच के पीछे तब भी इसी तरह का कंपाउंड पाया गया था.
2020: जम्मू-कश्मीर में 12 बच्चों की मौत कफ सिरप से हुई
2020 में चंडीगढ़ PGI के डॉक्टरों ने सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी CDSCO को एक कफ सिरप COLDBEST की शिकायत की थी. इस कफ सिरप के इस्तेमाल से जम्मू-कश्मीर के उधमनगर के 12 बच्चों की मौत हो गई थी. इस कफ सिरप में भी diethylene glycol मिला हुआ था.
गांबिया ने अक्टूबर में भारत के कफ सिरप से बच्चों की मौत का आरोप लगाया
अफ्रीकी देश गांबिया ने अक्टूबर के महीने में भारत के हरियाणा की फार्मा कंपनी मेडन फार्मा के कफ सिरप से अपने देश में 66 बच्चों की मौत का आरोप लगाया था हालांकि गांबिया इस आरोप को अब तक साबित नहीं कर पाया है. लेकिन गांबिया से जो शुरुआती रिपोर्ट सामने आई थी उसमें मेडन फार्मा के कफ सिरप में Ethylene glycol (इथलिन ग्लायकोल) मिला था.
अमेरिका 1937 में हो चुका है इस कंपाउंड से मौतों का शिकार
1937 में अमेरिका में Diethylene glycol वाला कफ सिरप लेने से तकरीबन 100 मरीजों की जान चली गई थी. WHO ने भारत में बने 4 कफ सिरप पर October में अलर्ट जारी कर चुका है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने 5 अक्टूबर को भारत के 4 कफ-सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया था.
WHO ने कहा था कि ये प्रोडक्ट मानकों पर खरे नहीं हैं. ये सिरप हैं प्रोमेथाज़ीन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफैक्स मालिन बेबी कफ सिरप (Kofex Malin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup)और मोग्रिप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup)
WHO की रिपोर्ट में लिखा था कि कफ-सिरप में डायथेलेन ग्लाईकोल (diethylene glycol) और इथलिन ग्लायकोल (ethylene glycol) की इतनी मात्रा है कि ये इंसानों के लिए जानलेवा हो सकते हैं. इन कंपाउंड की वजह से भारत में भी बच्चों समेत 33 की जान जा चुकी है, लेकिन इन कंपाउंड पर बैन नहीं लगाया गया.
दो महीने से कम वक्त में दो देशों के भारत पर आरोप लगने के बाद भारत की दुनिया की फार्मेसी वाली छवि को धक्का लगा है. ऐसे में सच और झूठ का जल्द सामने आना ज़रुरी है.
05:23 PM IST