सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर्स और तिहाड़ जेल के अधिकारियों के खिलाफ मिलीभगत पर दिए जांच के निर्देश
बेंच ने तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों को सस्पेंड करने का भी निर्देश दिया, जिनके विरूद्ध मामले दर्ज किये जाएंगे.
कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिटर रिपोर्ट को पारित करने से भी इनकार कर दिया. (फोटो: पीटीआई)
कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिटर रिपोर्ट को पारित करने से भी इनकार कर दिया. (फोटो: पीटीआई)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर जेल में बंद यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर्स संजय और अजय चंद्रा के साथ साठगांठ को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया. वहीं उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और इस पूरे मामले की डिटेल जांच का भी बुधवार (06 अक्टूबर, 2021) को निर्देश दिया. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों और दूसरे अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम एवं IPC के संबंधित प्रावधानों के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया.
अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश
बेंच ने तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों को सस्पेंड करने का भी निर्देश दिया, जिनके विरूद्ध मामले दर्ज किये जाएंगे और कहा कि यह निलंबन उनके खिलाफ कार्यवाही जारी रहने तक प्रभावी रहेगा. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने खुलासा किया था कि चंद्रा बंधु जेल से अपना कारोबार चला रहे हैं. शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय को पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की रिपोर्ट में जेल प्रबंधन बढ़ाने के संबंध में दिये गये सुझाव का पालन करने का भी निर्देश दिया. न्यायालय ने इस रिपोर्ट की एक कॉपी अनुपालन के लिए मंत्रालय के पास भेजने का भी आदेश दिया है. उच्चतम न्यायालय ने इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय, एसएफआईओ (Serious Fraud Investigation Office) और दिल्ली पुलिस की सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया एवं अगली सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर तय की. सुनवाई के दौरान बेंच और संजय चंद्रा के वकील विकास सिंह के बीच फॉरेंसिक ऑडिट एवं जांच एजेंसियों की रिपोर्ट साझा करने के मुद्दे पर तीखी बहस भी हुई.
अदालत से नहीं मिली राहत
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस डी एम. आर. शाह चंद्रा बंधुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट विकास सिंह द्वारा दी गई दलीलों से प्रभावित नहीं हुए. अदालत से उन्हें कोई राहत नहीं मिला. अंत में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी, एसएफआईओ (Serious Fraud Investigation Office) और दिल्ली पुलिस को यूनिटेक के पूर्व मालिकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा, संजय की पत्नी प्रीति चंद्रा और पिता रमेश चंद्रा के खिलाफ पूरी जांच के लिए आगे बढ़ने के लिए एक मंजूरी दे दी. यूनिटेक ग्रूप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह जांच के आदेश दिए गए. कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिटर रिपोर्ट को भी पारित करने से इनकार कर दिया.
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रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे चंद्रा और तिहाड़ जेल के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक साजिश के तहत एक नया मामला भी दर्ज करेंगे. शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय से इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इससे पहले, संजय और अजय चंद्रा को तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और ताजोला जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था. यह फैसला ईडी की उस रिपोर्ट के बाद लिया गया था, जिसमें कहा गया था कि चंद्रा बंधुओं की तिहाड़ जेल अधिकारियों के साथ मिलीभगत थी.
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10:12 PM IST