Supertech twin tower: ट्विन टावर की जगह पर नया हाउसिंग प्रोजेक्ट लाना चाहता है सुपरटेक, क्या नोएडा अथॉरिटी से मिलेगी इजाजत?
Supertech twin tower: सुपरटेक लिमिटेड ने कहा कि जहां ट्विन टावर बना था, उस जगह पर अब नए हाउसिंग प्रोजेक्ट लाए जाने की तैयारी है. ट्विन टावर दो एकड़ एरिया में बना था. फिलहाल यह प्रस्ताव नोएडा अथॉरिटी के सामने रखा जाएगा.
Supertech twin tower: रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड नोएडा स्थित अपनी ट्विन टावर इमारत को नियंत्रित धमाके के साथ गिराए जाने के बाद उसी जगह पर एक नई आवासीय परियोजना विकसित करना चाहती है. सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा कि अगर नोएडा विकास प्राधिकरण इस नई परियोजना को मंजूरी नहीं देता है तो कंपनी भूमि पर आई लागत और अन्य खर्चों की वापसी की मांग करेगी. सुपरटेक ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ट्विन टावर के गिराए जाने से लगभग 500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का दावा किया है.
28 अगस्त को हुआ था टावर का डेमोलिशन
एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के अंदर इन दोनों टावर का निर्माण निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए किया गया था. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गत 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टावर को विध्वंसक लगाकर ढहा दिया गया. इसे गिराने में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था.
नोएडा अथॉरिटी के सामने रखेगी प्रस्ताव
टावर वाली जगह से मलबा हटाए जाने के बाद अरोड़ा ने कहा कि कंपनी उस स्थान पर एक आवासीय परियोजना विकसित करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण के समक्ष एक प्रस्ताव रखेगी. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर कंपनी एमराल्ड कोर्ट परिसर के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की सहमति भी लेगी.
2 एकड़ का एरिया है ट्विन टावर
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उन्होंने कहा कि नोएडा के सेक्टर 93 ए में प्राधिकरण ने एक समूह आवासीय परियोजना के लिए सुपरटेक को 14 एकड़ भूमि आवंटित की थी. इस भूमि खंड में से दो एकड़ जमीन पर ट्विन टावर बनाए गए थे. अरोड़ा ने कहा, "अब ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है और अब हम कंपनी के स्वामित्व वाली दो एकड़ भूमि पर एक समूह आवासीय परियोजना के विकास का प्रस्ताव लेकर आएंगे."
RWA से भी सहमति ली जाएगी
प्राधिकरण से कंपनी को इसकी मंजूरी मिलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी निश्चित रूप से एक योजना बनाएगी और फिर प्राधिकरण को इस पर फैसला करना है. अरोड़ा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए की भी सहमति ली जाएगी.
जमीन की कीमत 80 करोड़
सुपरटेक के चेयरमैन ने कहा कि नई परियोजना को अनुमति नहीं दिए जाने की स्थिति में कंपनी प्राधिकरण से इस भूमि पर आई अपनी लागत की वापसी की मांग करेगा. अरोड़ा ने कहा, "मौजूदा दर पर इस जमीन की कीमत करीब 80 करोड़ रुपए होनी चाहिए. इसके अलावा इस परियोजना में अतिरिक्त फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) की खरीद के लिए करीब 25 करोड़ रुपए का भुगतान भी सुपरटेक ने किया था."
06:41 PM IST