"₹4,000 में मोबाइल टावर लगवाएं और TRAI देगा ₹40 लाख की एडवांस पेमेंट", आपको भी मिला ये वायरल मैसेज?
PIB Fact Check Viral Msg: मोबाइल टावर लगवाने के लिए ₹4,000 का भुगतान करें और TRAI की ओर से पाएं मासिक किराया और 40 लाख रुपये की एडवांस पेमेंट. क्या है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज की सच्चाई?
PIB Fact Check Viral Msg: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई समय से एक मैसेज सर्कुलेट किया जा रहा है जिसमें टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI का एक लैटर वायरल हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, ये लैटर 11 सितंबर, 2023 को इश्यू किया गया था जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक कंपनी मोबाइल टावर लगाने के लिए पंजीकरण शुल्क की मांग कर रही है. साथ ही इसके बदले में TRAI की ओर से हर महीने किराया और एडवांस में बड़ी रकम देने की बात कही गई है.
वायरल मैसेज में किया जा रहा ये दावा
हालांकि, अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज मिला है तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल, PIB फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर इस मैसेज की सच्चाई का खुलासा किया है. PIB फैक्ट चेक ने वायरल लैटर की फोटो शेयर की है और पोस्ट में लिखा है "एक कंपनी मोबाइल टावर लगाने के लिए पंजीकरण शुल्क के रूप में ₹3,800 मांग रही है और TRAI के नाम पर ₹45,000 का मासिक किराया और ₹40 लाख का अग्रिम भुगतान देने का दावा कर रही है. ये लैटर फेक है."
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A company is seeking ₹3,800 as registration fee for installing mobile towers & claiming to provide monthly rent of ₹45,000 & advance payment of ₹40 Lakhs in the name of @TRAI#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 26, 2023
✔️This letter is #Fake
➡️TRAI never issues any such lettershttps://t.co/RToS6engvT pic.twitter.com/H5e5Xajtns
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने जारी की गाइडलाइन
गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस तरह की धोखाधड़ी से बचाव और जनता से ऐसे प्रस्तावों का शिकार ना होने के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की है. बताया गया है कि DoT/ TRAI मोबाइल टावरों को लगाने के लिए किसी भी जगह के में बदले किराया नहीं देती हैं. साथ ही अगर किसी व्यक्ति को इस तरह की धोखाधड़ी या ऐसी गतिविधि का पता चलता है तो उसे स्थानीय पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखवाने की सलाह दी जाती है.
धोखाधड़ी का हुए शिकार तो किसकी होगी जिम्मेदारी?
सूचना में कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए पूरी तरह से वो व्यक्ति ही जिम्मेदार होगा. ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होने पर दूरसंचार विभाग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
01:44 PM IST