सड़क पर हादसों पर अमेरिका और चीन से आगे है भारत, सरकार ने 2025 तक तय किया ये लक्ष्य
देश में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग रोड एक्सीडेंट (road accident) में मारे जाते हैं वहीं लगभग 4.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क पर हादसे का शिकार हो जाते हैं. सड़क हादसे में मरने वाले की संख्या को लेकर सरकार काफी चिंतित है.
सड़क हादसों में मरने वाले लोगोंं की संख्या को कम करने के लिए सरकार ने खास प्लान तैयार किया है (फोटो -रॉयटर्स )
सड़क हादसों में मरने वाले लोगोंं की संख्या को कम करने के लिए सरकार ने खास प्लान तैयार किया है (फोटो -रॉयटर्स )
देश में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग रोड एक्सीडेंट (road accident) में मारे जाते हैं वहीं लगभग 4.5 लाख से ज्यादा लोग सड़क पर हादसे का शिकार हो जाते हैं. सड़क हादसे में मरने वाले की संख्या को लेकर सरकार काफी चिंतित है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Union Road Transport and Highways Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने सभी स्टेक होल्डर्स से रोड एक्सीडेंट में मारे जाने वाले लोगों की संख्या को कम करने के लिए कदम उठाने को कहा है. वहीं 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 50 फीसदी की कमी का लक्ष्य रखा गया है. उन्होने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के कारण खतरनाक स्थिति बन रही है और भारत सड़क दुर्घटना के मामले में पहले स्थान पर, अमेरिका (US) और चीन (China) से आगे है.
रोज मारे जाते हैं 415 लोग 415 people are killed every day
गडकरी ने भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियों (road safety challenges) और एक कार्य योजना की तैयारियों पर सड़क सुरक्षा संस्था IRF के इंडिया चैप्टर द्वारा आयोजित एक वेबिनार (webinar) सिरीज के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि देश में गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में प्रति दिन 415 लोग मारे जाते हैं. उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के चलते सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.14 प्रतिशत के बराबर सामाजिक-आर्थिक नुकसान उठाना (socio-economic loss) पड़ता है और 70 प्रतिशत मौतें 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं.
5,000 से ज्यादा दुर्घटना वाली जगहें पहचानी गईं Over 5,000 accident sites identified
अपने मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों को बताते हुए गडकरी ने कहा कि इंजीनियरिंग (engineering), शिक्षा (education), प्रवर्तन (enforcement) और बेहतर इमरजेंसी सर्विसेज (better emergency services) के जरिए इस समस्या से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राजमार्ग नेटवर्क (highway network) पर पहचाने गए 5,000 से अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को सही करने पर काम कर रहा है, और सुरक्षा के लिए 40,000 किलोमीटर से अधिक सड़क मार्ग का परीक्षण किया जा रहा है.
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राज्यों को सड़क सुरक्षा के लिए मिलेगा बजट States will get budget for road safety
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहायता कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया है, जिसके लिये केंद्र सरकार राज्यों को सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए 14,000 करोड़ रुपये की राशि प्रदान कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने सड़क सुरक्षा को आम तौर पर एक व्यवहारिक मुद्दा बताते हुए कहा कि इसे ब्लॉक से तालुका स्तर तक समन्वय को बढ़ावा देने के लिए सहकारी संघवाद की आवश्यकता है. वर्तमान में भारत में सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है, ताकि सड़क सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता पैदा की जा सके. इस वर्ष 12 वेबिनार श्रृंखलाओ के माध्यम से देश भर में सड़क सुरक्षा के सभी पहलुओं को शामिल किया जायेगा.
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04:51 PM IST