Pre-Budget 2023: किसान संगठनों ने वित्त मंत्री से की गेहूं निर्यात पर रोक हटाने की मांग की
Pre-Budget 2023: बजट-पूर्व बैठक में किसान संगठनों ने मंगलवार को सरकार से गेहूं (Wheat), अन्य एग्री प्रोडक्ट्स पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हुए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से कम लागत वाले उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित करने की मांग की.
Pre-Budget 2023: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण के साथ बजट-पूर्व बैठक में किसान संगठनों ने मंगलवार को सरकार से गेहूं (Wheat), अन्य एग्री प्रोडक्ट्स पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हुए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से कम लागत वाले उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित करने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पाम ऑयल (Palm Oil) के बजाय सोयाबीन (Soyabean), सरसों (Mustard), मूंगफली (Groundnut) और सूरजमुखी (Sunflower) जैसे स्थानीय तिलहनों (Oilseeds) के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.
वित्त मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान किसान संगठनों ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर ऊंचा कर लगाने का भी सुझाव दिया. वित्त मंत्री ने यहां एग्री एक्सपर्ट्स और एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ अपनी तीसरी बजट-पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता की. वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी, 2023 को अगला आम बजट पेश करेंगी.
ये भी पढ़ें- दो महीने का कोर्स कर गाय के गोबर से शुरू किया ये काम, अब सालाना कर रहा लाखों में कमाई
MSP से कम लागत वाली उपज के आयात न दी जाए मंजूरी
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
मल्टीबैगर Railway PSU के लिए खुशखबरी! बाजार बंद होने के बाद मिला ₹837 करोड़ का ऑर्डर, स्टॉक पर रखें नजर
आम बजट 2023-24 (Union Budget 2023) के लिए अपनी इच्छा सूची में भारत कृषक समाज (Bharat Krishak Samaj) के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने मांग की कि सरकार को जहां आयातित कमोडिटीज की देश में आने की लागत MSP से कम है, वहां ऐसी उपज के आयात की मंजूरी नहीं देनी चाहिए.
उन्होंने केंद्र से एग्रीकल्चर सेक्टर में मानव संसाधन विकास पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया.जाखड़ ने किसानों को उच्चतम मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए खेतों से स्वैच्छिक कार्बन क्रेडिट का विश्वस्तर पर व्यापार करने की अनुमति देने की भी वकालत की.
गेंहू और टूट चावल के निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों की आय पर असर
बैठक में हिस्सा लेने वाले कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन (CIFA) के अध्यक्ष रघुनाथ दादा पाटिल ने कहा कि गेहूं (Wheat) और टूटे चावल (Broken Rice) जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
ये भी पढ़ें- सुपरहिट स्कीम! हर महीने ₹4200 करें निवेश, 60 की उम्र के बाद एकमुश्त पाएं ₹90 लाख और ₹30,000 मंथली पेंशन
पाटिल ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए. उनके अनुसार, निर्यात से केवल देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में ही सहायता मिलेगी. भारत ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए गेहूं और टूटे चावल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है.
खाने की घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर
खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए पाटिल ने सुझाव दिया कि सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
08:29 PM IST