Tata Steel के CEO ने ग्रीन ट्रांजिशन पर दिया बयान, कहा- सरकार के सहयोग की जरूरत
Tata Steel Share Price: टी वी नरेंद्रन ने कहा कि स्टील समेत मुश्किल क्षेत्रों में ग्रीन ट्रांजिशन (Green Transition) के लिए कोई जादू नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक जटिल चुनौती है और इसमें सरकार के सहयोग की जरूरत है.
सहायक नीतिगत ढांचे के माध्यम से हरित अर्थव्यवस्था में तेजी संभव. (Image- Freepik)
सहायक नीतिगत ढांचे के माध्यम से हरित अर्थव्यवस्था में तेजी संभव. (Image- Freepik)
Tata Steel Share Price: टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा स्टील ग्लोबल (Tata Steel Global) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) टी वी नरेंद्रन ने कहा कि स्टील समेत मुश्किल क्षेत्रों में ग्रीन ट्रांजिशन (Green Transition) के लिए कोई जादू नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक जटिल चुनौती है और इसमें सरकार के सहयोग की जरूरत है. उद्योग जगत के अग्रणी लोगों का यह बयान उत्सर्जन को लेकर अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती चिंताओं और हरित ऊर्जा (Green Energy) के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत के बीच आया है.
बी-20 समिट इंडिया 2023 (B20 Summit India 2023) में एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्टील दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली धातु है और कोई भी इसके बिना नहीं रह सकता. यहां तक कि परिवर्तन के लिए भी, चाहे सौर पैनलों (Solar Panels), विंड मिल्स (Windmills), स्टोरेज (Storage) और पाइपलाइनों (Pipelines) को स्थापित करना हो, स्टील की जरूरत होगी.
ये भी पढ़ें- छप्परफाड़ कमाई कराएगी हल्दी की ये टॉप 5 किस्में, कम लागत में बंपर मुनाफा
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
उन्होंने कहा, आपको एक समाधान ढूंढने की ज़रूरत है और इसका कोई जादू नहीं है…भारत अकेले ही हर दशक में 10-15 करोड़ टन स्टील क्षमता जोड़ने जा रहा है…अगले कुछ दशकों तक आपके पास बढ़ोतरी कर रहे ये मुश्किल क्षेत्र होंगे, विश्व स्तर पर सीमेंट उत्पादन इस्पात उत्पादन की तुलना में दोगुना है…आपको ऐसे समाधान ढूंढने की जरूरत है जो तकनीकी हों, जो केवल एक अन्य ऊर्जा स्रोत खोजने से हल नहीं होते हैं.
नरेंद्रन उद्योग मंडल सीआईआई (CII) के मैन्युफैक्चिंग काउंसिल के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र में सप्लाई चेन लगभग 100 साल से बनी है, तो कोयले से गैस से हाइड्रोजन (Hydrogen) में ट्रांजिशन सप्लाई चेन के नजरिये से भी बहुत मुश्किल चुनौती है.
ये भी पढ़ें- Alert! ITR भरने के बाद अब तक 26 लाख Tax Payers ने नहीं किया ये काम, लग सकता है जुर्माना
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ये भी पढ़ें- सस्ते में खरीद लीजिए मकान और दुकान, सोमवार को होगा 'Mega E-Auction', यहां चेक करें सभी डीटेल
05:25 PM IST