Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड की 26वीं किस्त को मंजूरी, 3 अप्रैल से शुरू होगी बिक्री, जानें पूरी डीटेल
Electoral Bonds: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) से पहले सरकार ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) की 26वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दी है. कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार मतों की गिनती 13 मई को होगी.
3 से 12 अप्रैल तक होगी बिक्री चुनावी बॉन्ड की बिक्री. (Image- Pixabay)
3 से 12 अप्रैल तक होगी बिक्री चुनावी बॉन्ड की बिक्री. (Image- Pixabay)
Electoral Bonds: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) से पहले सरकार ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) की 26वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दी है. इसकी बिक्री 3 अप्रैल से शुरू होगी. कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार मतों की गिनती 13 मई को होगी. राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया.
3 से 12 अप्रैल तक होगी बिक्री
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है. चुनावी बॉन्ड का पिछला चरण (25वीं खेप) 19-28 जनवरी, 2023 के बीच बिक्री के लिए खुला था.
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SBI की 29 ब्रांच में होगी चुनावी बॉन्ड की बिक्री
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अधिकृत एसबीआई शाखाओं में बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शामिल हैं. एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला इकलौता अधिकृत बैंक है.
कौन खरीद सकता है Electoral Bonds?
राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए नकदी के विकल्प के तौर पर चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) जारी करने की व्यवस्था लागू की गई. कोई भी डोनर जिनका KYC- COMPLIANT अकाउंट हो इस तरह के बॉन्ड को खरीद सकते हैं. और बाद में इन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टी को डोनेट किया जा सकता है. इसके बाद रिसीवर इसे कैश में कन्वर्ट करवा सकता है. इसे कैश कराने के लिए पार्टी के वैरीफाइड अकाउंट का यूज किया जाता है. चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 में की गई थी.
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कौन ले सकता है Electoral Bonds के जरिए चंदा
एक Electoral Bonds की वैधता जारी किए जाने की तारीख से 15 दिनों तक होगी. वैधता अवधि बीतने के बाद अधिकृत शाखाओं में बॉन्ड जमा किए जाने पर राजनीतिक दलों को कोई भी भुगतान नहीं मिल पाएगा. पिछले लोकसभा चुनाव या राज्य के विधानसभा चुनाव में न्यूनतम 1% मत पाने वाले पंजीकृत दल चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा लेने के लिए पात्र हैं.
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