Budget के बाद वित्त मंत्री का पहला बयान, कहा- डायरेक्ट टैक्स को किया आसान, टैक्स स्लैब में भी बड़ा बदलाव
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबे समय बाद बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए गए हैं और डायरेक्ट टैक्स को भी पहले के मुकाबले सरल किया गया है.
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को देश का आम बजट (Union Budget 2023) पेश किया है. बजट के बार परंपरा के अनुसार, सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजट को लेकर सरकार की मंशा बताई. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में काफी लंबे समय बाद इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही बजट में डायरेक्ट को भी पहले से कहीं ज्यादा सरल किया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में टूरिज्म सेक्टर पर फोकस किया गया है. इससे रोजगार के संभावना भी खुलेंगे.
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman to address press conference post presentation of Union Budget 2023-24 in Parliament, at 03.30 PM, National Media Centre, on 1st Feb. 2023.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 31, 2023
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मिडिल क्लास को मिलेगी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को टैक्सपेयर्स के लिए और आकर्षक बनाया है और मिडिल क्लास के फायदे के लिए इसके ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वैकल्पिक कर प्रणाली में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है. यह कर प्रणाली 2020-21 में पेश की गई थी.
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बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि देश अनुपालन में सरल और आसान प्रत्यक्ष कर प्रणाली का इंतजार करता रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा, ''बजट में व्यक्तिगत आयकर में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिससे मध्यम वर्ग लाभान्वित होगा. नई कर प्रणाली को अब अधिक आकर्षक बनाया गया है, जिससे लोग पुरानी प्रणाली से नई प्रणाली में बिना संकोच के आ सकें.''
टैक्स स्लैब में क्या हुआ है बदलाव
बजट में प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, नई कर प्रणाली के तहत सात लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा. लेकिन इसमें पुरानी कर प्रणाली में ही रहने वाले व्यक्ति के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी कर प्रणाली किराया भत्ता (एचआरए) जैसे निवेश और व्यय पर कर छूट और कटौती प्रदान करती है. सरकार के इस फैसले को वेतनकर्मियों को नई प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है. इस प्रणाली में निवेश पर कोई छूट प्रदान नहीं की गई है.
हालांकि इसमें 50,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति दे दी गई है. पुरानी कर प्रणाली में समान कटौती और पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं है.
लोगों के लिए आसान किए गए नियम
सीतारमण ने कहा कि सरकार नई कर प्रणाली को इतना आकर्षक और सहज बनाना चाहती है कि करदाताओं को इसका अनुपालन बोझ नहीं लगना चाहिए. हालांकि अगर किसी को पुरानी प्रणाली ज्यादा लाभदायक लगती है तो वह उसी के तहत जारी रह सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य पहले से सरल (नई) प्रणाली को और आकर्षक बनाना है.
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ज्यादातर करदाता नई प्रणाली को ज्यादा आकर्षक महसूस करेंगे. मल्होत्रा ने हालांकि यह जानकारी नहीं दी कि 2020-21 के बाद से नई कर प्रणाली कितने करदाताओं ने अपनाई है.
06:56 PM IST