भारत की जीडीपी ग्रोथ रहेगी सबसे तेज, IMF के ताजा पूर्वानुमान में जानें कौन किस गति से बढ़ेगा आगे
India GDP growth 2023: आईएमएफ ने कहा है कि दुनियाभर में आर्थिक विकास दर में गिरावट के बीच महंगाई (Inflation) चरम पर है. दुनिया की इकोनॉमी की ग्रोथ रेट साल 2023 में 2.9 प्रतिशत रहेगी, जोकि 2022 में 3.4 प्रतिशत रहा.
India GDP growth 2023: दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2023 में सबसे तेज रहेगी. इंटरनेशनल मोनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने अपने ताजा पूर्वानुमान में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान के आंकड़े जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि भारत (India) इस दौरान 6.1 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ रेट (India GDP growth rate in 2023) के साथ सबसे आगे रहेगा. इसके बाद चीन (China) 5.2 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ रेट के साथ दूसरे स्थान पर होगा. इन दोनों देशों के बाद के देशों की ग्रोथ रेट की रफ्तार काफी कम रहने के आसार हैं.
महंगाई है चरम पर
आईएमएफ ने कहा है कि दुनियाभर में आर्थिक विकास दर में गिरावट के बीच महंगाई (Inflation) चरम पर है. दुनिया की इकोनॉमी की ग्रोथ रेट साल 2023 में 2.9 प्रतिशत रहेगी, जोकि 2022 में 3.4 प्रतिशत रहा. साल 2024 के लिए आईएमएफ ने पूरी दुनिया की जीडीपी (imf gdp forecast 2023) रेट 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पूरी दुनिया महंगाई (Inflation) का सामना करना पड़ रहा है. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध और चीन में कोविड के बढ़े मामले ने साल 2022 में महंगाई को पुरजोर हवा दे दी. आईएमएफ ने अपने पूर्वानुमान में आशंका जताई है कि साल 2023 में भी ये दोनों वजहें ज्यादा महंगाई की वजह बनी रह सकती हैं.
दिग्गज देशों की GDP ग्रोथ रेट 2023 का है पुर्वानुमान
संयुक्त राज्य अमेरिका - 1.4
जर्मनी - 0.1
फ्रांस - 0.7
इटली - 0.6
भारत - 6.1
चीन - 5.2
रूस - 0.3
ब्राजील- 1.2
मेक्सिको - 1.7
Inflation को थामने के लिए नीतिगत दर बनी रह सकती है ऊंची
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
कुल मिलाकर, वित्तीय स्थिरता जोखिम बना रह सकता है क्योंकि निवेशक महंगाई और मोनेटरी पॉलिसी की समीक्षा करेंगे. हालांकि ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशन में अक्टूबर 2022 के बाद से सुधार देखा गया है. मोनेटरी पॉलिसी में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने रेट में लगतार बढ़ोतरी की थी. केंद्रीय बैंक महंगाई (Inflation) को नियंत्रण में रखने के लिए नीतिगत दरों को टाइट ही रखेंगे. ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में हाल ही में गिरावट आई और इक्विटी बाजारों में उछाल आया है. मंदी की आशंका में दुनियाभर के मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
09:44 AM IST