Gold ETF: FY23 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश 74% घटा, जानिए क्या रही वजह
Gold ETF: भारतीय म्यूचुअल फंड संगठन (Amfi) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का एसेट बेसऔर निवेशकों के खातों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में इस सेगमेंट में नेट इन्फ्लो 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. (Image- Pixabay)
मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में इस सेगमेंट में नेट इन्फ्लो 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. (Image- Pixabay)
Gold ETF: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में निवेश बीते वित्त वर्ष में 74% घटकर 653 करोड़ रुपये रह गया. यह इस एसेट क्लास में मुनाफा वसूली होने और ईटीएफ (ETF) के बजाय शेयर (Stock) में निवेश को प्राथमिकता देने से हुआ है. भारतीय म्यूचुअल फंड संगठन (Amfi) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का एसेट बेसऔर निवेशकों के खातों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकतर निवेशक अन्य एसेट क्लास पर अब भी इक्विटी-आधारित म्यूचुअल फंडों (Equity Mutual Funds) को ही तरजीह दे रहे हैं. मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में इस सेगमेंट में नेट इन्फ्लो 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. इसके साथ ही निवेशकों ने सोने (Gold) में किए गए अपने निवेश को भुनाकर उसे अन्य एसेट्स में लगाया.
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14 गोल्ड ईटीएफ में 653 करोड़ रुपये का निवेश
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एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में 14 गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में 653 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जबकि एक साल पहले यह राशि 2,541 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2019-20 में Gold ETF में 1,614 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था. उससे पहले लगातार कई वर्षों तक गोल्ड ईटीएफ से निकासी का सिलसिला जारी रहा था.
वित्त वर्ष 2018-19 में 412 करोड़ रुपये, 2017-18 में 835 करोड़ रुपये और 2016-17 में 775 करोड़ रुपये की निकासी गोल्ड ईटीएफ से हुई थी. हालांकि पिछले तीन वर्षों में गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है लेकिन 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों ने इसके बजाय शेयर बाजारों में पैसे लगाने को अधिक पसंद किया.
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इस वजह से Gold ETF में घटा निवेश
मॉर्निंगस्टार इंडिया की सीनियर एनालिस्ट और रिसर्च मैनेजर कविता कृष्णन ने कहा कि इक्विटी को अधिक पसंद करने और घरेलू निवेशकों की जोखिम लेने की धारणा मजबूत होने से गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश घटा है. डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने का भी असर पड़ा है.
6 महीने में दिया 21.3% का रिटर्न
भारत सरकार ने FY23 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) की चार किश्तें लॉन्च कीं, जो गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में इन्फ्लो को प्रभावित कर सकती थीं. भारत में, सितंबर 2022 में 49,000 रुपये के निचले स्तर से, मार्च 2023 के अंतिम हफ्ते तक सोने की कीमतें बढ़कर 59,400 रुपये हो गईं, जिससे केवल छह महीनों में 21.3% का रिटर्न मिला.
Gold ETF, जो घरेलू फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करते हैं, पैसिव इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं और गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं. संक्षेप में, गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनिट्स हैं जो पेपर या डीमैटरियलाइज्ड रूप में हो सकती हैं. एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर है.
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08:23 PM IST