बैंकों चूना लगाने वाले और Wilful Defaulters पर गिरेगी गाज, वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों को दिया ये आदेश
बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल के दौरान 11.17 लाख करोड़ रुपये की नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) को बट्टे खाते में डाला है.
वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. (File Image)
वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. (File Image)
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) को डूबे कर्ज को कम करने के लिए धोखाधड़ी और इरादतन चूककर्ताओं (Wilful Defaulters) के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने को कहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों से ग्रोथ की रफ्तार को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को भी कहा है. बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 तक छह साल के दौरान 11.17 लाख करोड़ रुपये की नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) को बट्टे खाते में डाला है.
एनपीए को बट्टे खाते में डालने से संबंधित कर्ज बैंक के बहीखाते से हट जाता है. इनमें वह डूबा कर्ज भी शामिल है जिनके लिए चार साल की अवधि पूरी होने के बाद पूर्ण प्रावधान किया गया है.
ये भी पढ़ें- Tata Group की इस कंपनी ने दिया बड़ा बिजनेस अपडेट, निवेशकों को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
TRENDING NOW
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
Maharashtra Election 2024: Mahayuti की जीत के क्या है मायने? किन शेयरों पर लगाएं दांव, मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने बताया टारगेट
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ हाल में हुई बैठक में वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों से जोखिम प्रबंधन गतिविधियां मजबूत करने और साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. बैठक में यह बात उभरकर आई कि एचडीएफसी लि. (HDFC Ltd) के एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के साथ विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए जमा को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी.
इसके अलावा बैंकों के लिए चिंता का एक और क्षेत्र ऊंची ब्याज दरों की वजह से नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव है. बैंकों को अधिक प्राप्ति वाली अग्रिम श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है.
ये भी पढ़ें- अब Zero डिग्री तापमान में भी उगाएं हरी सब्जियां, कमाएं बंपर मुनाफा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ये भी पढ़ें- मालामाल कर देगी मुर्गे की ये नस्ल, होगी छप्परफाड़ कमाई
07:21 PM IST