Budget 2025: रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर जिन्होंने संभाला देश के वित्त मंत्री का पद, 7 बार पेश किया बजट
क्या आपको किसी RBI गवर्नर के बारे में पता है जिन्होंने बाद में देश के वित्त मंत्री के तौर भी सेवाएं दी हों और देश का बजट पेश किया हो? ज्यादातर लोगों को शायद ही इस बारे में पता होगा. यहां जानिए दिलचस्प जानकारी.
फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट (Union Budget 2025) का बजट अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 फरवरी को पेश होगा. हर साल देश के वित्त मंत्री इस बजट को पेश करते हैं. इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आठवीं बार बजट पेश करेंगीं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में तीसरी बार बनी सरकार का ये दूसरा आम बजट है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि क्या आप ऐसे किसी वित्त मंत्री के बारे में जानते हैं, जो कभी रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके हों? शायद ही लोग इस बात का जवाब दे सकें. यहां जानिए उनके बारे में.
कौन हैं वो वित्त मंत्री जो संभाल चुके हैं RBI के गवर्नर का पद?
सर चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख जिन्हें सर सी डी देशमुख (C. D. Deshmukh) के नाम से भी जाना जाता था. सीडी देशमुख देश के तीसरे वित्त मंत्री रहे हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वो भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर भी रह चुके हैं. सीडी देशमुख भारतीय सिविल सर्वेंट थे. अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया था. सीडी देशमुख 11 अगस्त 1943 से 30 जून 1949 तक इस पद पर रहे. वे पहले भारतीय थे जिन्हें उन्होंने देश के भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला. उनकी योग्यता के आधार पर ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी.
पहले RBI के उप-गवर्नर फिर गवर्नर बने देशमुख
सर सीडी देशमुख का बैंक के साथ जुड़ाव 1939 में शुरू हुआ, जब उन्हें सरकार का संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया. बाद में उन्होंने सचिव के रूप में और उसके बाद 1941 में बैंक के उप गवर्नर के रूप में काम किया. जेम्स टेलर के निधन के बाद उन्होंने बैंक का कार्यभार संभाला और 11 अगस्त 1943 में उन्हें गवर्नर नियुक्त किया गया.
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गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1944 में ब्रेटन वुड्स वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया, स्वतंत्रता की ओर संक्रमण और देश के विभाजन और भारत और पाकिस्तान के बीच रिजर्व बैंक की परिसंपत्तियों और देनदारियों के विभाजन को देखा. 1 जनवरी 1949 को जब बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया, तब उन्होंने बैंक को एक शेयरधारक संस्थान से राज्य के स्वामित्व वाले संगठन में सुचारू रूप से बदलने में मदद की. बाद में उन्होंने वित्त मंत्री का पद संभाला
1950 में बने देश के वित्त मंत्री
सी डी देशमुख ने आजाद भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं. 1950 में उन्हें देश के वित्त मंत्री के रूप में नेहरू जी के मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया. 1956 तक वे देश के वित्त मंत्री रहे. सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड के मामले में उनका नाम चौथे स्थान पर आता है. आजाद भारत में सबसे अधिक बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई ने नाम हैं. मोरारजी देसाई ने आठ सालाना बजट और दो इंटरिम बजट पेश किए. उनके बाद पी चिदंबरम ने नौ बार, प्रणव मुखर्जी ने आठ बार और यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चव्हाण और सीडी देशमुख ने सात-सात बार बजट पेश किया.
वित्त मंत्री के पद से इस्तीफे के बाद यूजीसी के रहे अध्यक्ष
महाराष्ट्र प्रदेश के निर्माण के आंदोलन के समय देशमुख ने वित्त मंत्री के पद को त्याग दिया, लेकिन इसके बाद उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी का अध्यक्ष बनाया गया. 1956-1961 तक इस पद पर रहने के दौरान ही उन्होंने 1959 में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की. इसके बाद वे 1962 से 67 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रहे. सीडी देशमुख को साल 1975 में राष्ट्रपति ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
11:07 AM IST