Microgreens: जानिए क्या होते हैं माइक्रोग्रीन्स, जिसकी हर पत्ती में पाया जाता है 40 गुना तक न्यूट्रिशन
माइक्रोग्रीन्स किसी भी पौधे की शुरुआती दो पत्तियां होती हैं. यह स्प्राउटिंग का बाद आने वाली स्टेज होती है. हालांकि, हर पौधे के माइक्रोग्रीन्स को खाया नहीं जा सकता है.
जब कभी आप किसी बड़े होटल या रेस्टोरेंट में जाते होंगे, तो वहां आपने सलाद या डिश को सजाने वाली कुछ पत्तियां जरूर देखी होंगी. ये रंग-बिरंगी छोटी-छोटी पत्तियां खाने को एक अलग ही लुक दे देती हैं. हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि ये छोटी पत्तियां, जिन्हें माइक्रोग्रीन्स (Microgreens) कहा जाता है, उनमें पोषण भी बहुत ज्यादा होता है. इन्हें सुपरफूड की कैटेगरी में गिना जाता है, जिससे इम्युनिटी भी बढ़ती है. कोरोना काल में पहली बार लोगों को समझ आया कि शरीर की इम्युनिटी अच्छी होना कितना जरूरी है. इसके बाद लोगों ने तमाम ऐसी चीजों का सेवन शुरू किया, जिनसे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है.
क्या होते हैं माइक्रोग्रीन्स?
माइक्रोग्रीन्स किसी भी पौधे की शुरुआती दो पत्तियां होती हैं. यह स्प्राउटिंग का बाद आने वाली स्टेज होती है. हालांकि, हर पौधे के माइक्रोग्रीन्स को खाया नहीं जा सकता है. आम तौर पर मूली, सरसों, मूंग, पालक, लेट्यूस, मेथी, ब्रोकली, गोभी, गाजर, मटर, चुकंदर, एमरेंथस, गेहूं, मक्का, बेसिल, चना, शलजम जैसी चीजों के माइक्रोग्रीन खाए जाते हैं. ये माइक्रोग्रीन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं खाए जाते हैं, बल्कि उन्हें सलाद या खाने की किसी डिश को गार्निश करते हुए खाया जाता है.
पोषण से होते हैं लबालब
माइक्रोग्रीन्स को यूं ही सुपरफूड की कैटेगरी में नहीं डाला गया है. इसकी बहुत ही कम मात्रा आपको बहुत अधिक पोषण देने के लिए काफी होती है. आम तौर पर एक व्यक्ति रोज सिर्फ 50 ग्राम माइक्रोग्रीन खाए तो उसकी पोषण की तमाम जरूरतें पूरी हो सकती हैं. मेच्योर हो चुकी सब्जी या सलाद खाने के बजाय अगर आप उसका माइक्रोग्रीन्स खाते हैं तो आपको 40 गुना तक पोषण मिलता है. जैसे अगर आप एक ओर 100 ग्राम मूली खाएं और दूसरी ओर मूली के 100 ग्राम माइक्रोग्रीन्स खाएं, तो मूली की तुलना में माइक्रोग्रीन्स से आपको 40 गुना अधिक पोषण मिलेगा.
कैसे उगाएं माइक्रोग्रीन्स?
TRENDING NOW
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
बाजार की तेजी में और चमक सकते हैं ये शेयर; हफ्तेभर के लिए खरीदारी की सलाह, एक्सपर्ट ने तैयार की तगड़े शेयरों की लिस्ट
माइक्रोग्रीन्स उगाना बहुत आसान तो नहीं है, लेकिन कठिन भी नहीं है. अच्छी बात तो ये है कि आप इसे अपने घर के अंदर ही उगा सकते हैं. घर की बालकनी के पास जहां भी रोशनी आती हो वहां इसे उगा सकते हैं. ध्यान रहे, इसे सूरज की तेज रोशनी से बचाना चाहिए, वरना पौधे मुरझा सकते हैं. माइक्रोग्रीन्स को आप किसी भी छोटे गमले, डिब्बे या मिठाई आदि के बॉक्स में भी उगा सकते हैं. बस आपको कंटेनर के नीचे छेद करने होंगे, ताकि पानी रुके नहीं, वरना पौधे खराब हो सकते हैं.
सबसे पहले कंटेनर में कोकोपीट डालें या मिट्टी या रेत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. उस पर बीज का छिड़काव कर दें और कुछ दिन तक रोज पानी का स्प्रे करते रहें. कई लोग तो टिश्यू पेपर पर भी माइक्रोग्रीन्स उगा लेते हैं. कुछ ही दिनों में बीजों में अंकुरण शुरू हो जाएगा और 10-15 दिन में उसकी दो पत्तियां भी निकल आएंगी. इसके बाद आप मिट्टी से थोड़ा ऊपर से उन्हें काटकर खा सकते हैं. आप चाहे तो सलाद में माइक्रोग्रीन्स डालकर खा सकते हैं और चाहे तो सीधे उस डिश पर भी डाल सकते हैं जो आपने बनाई है.
05:43 PM IST