नए साल के पहले ही दिन सरकार की तरफ से किसानों को बड़ी राहत दी गई है. कैबिनेट ने डीएपी के लिए अतिरिक्त सब्सिडी का ऐलान किया है. डीएपी की लागत बढ़ने से किसान चिंता में थे, लेकिन इस राहत पैकेज की वजह से अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. लागत बढ़ने से होने वाले घाटे की भरपाई के लिए सरकार ने यह पैकेज दिया है.

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किसानों के लिए डीएपी की कीमत पहले जैसी ही रहेगी. 50 किलोग्राम डीएपी उर्वरक का बैग 1,350 रुपये में ही मिलेगा. अतिरिक्त लागत सरकार वहन करेगी.  सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है. डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक का एकमुश्त विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है.

भू-राजनीतिक कारणों से डीएपी उर्वरक की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. रेड सी जैसे समुद्री मार्ग संघर्षों के कारण असुरक्षित हैं, जिससे जहाजों को केप ऑफ गुड होप का उपयोग करना पड़ रहा है. वैश्विक बाजार की अस्थिरता भारत में उर्वरकों की कीमतों को प्रभावित कर सकती है.

प्रधानमंत्री मोदी की पहल के चलते 2014 से कोविड और युद्ध जैसी बाधाओं के बावजूद, पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार की अस्थिरता का बोझ न उठाना पड़े. सब्सिडी में बड़ा इजाफा देखने को मिला है. 2014-2023 में उर्वरक सब्सिडी 1.9 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2004-2014 के मुकाबले दोगुने से अधिक है.