सरकार ने बदली छोटी कंपनियों की परिभाषा, ₹40 करोड़ हुई टर्नओवर लिमिट; नोटिफिकेशन जारी
नई परिभाषा आने से अब ज्यादा संख्या में कंपनियां ‘छोटी कंपनी’ की कैटेगरी में आ जाएंगी. मंत्रालय के मुताबिक, छोटी कंपनियों को फाइनेंशियल स्टेटमेंट के तोर पर कैश फ्लो का लेखा-जोखा तैयार करने की जरूरत नहीं होती है.
(File Image: PIB)
(File Image: PIB)
सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा में बदलाव किया है. कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार ने इसके लिए कंपनीज संसोधन नियम, 2022 (Companies Amendment Rule, 2022) के अंतर्गत पेडअप कैपिटल और टर्नओवर लिमिट में बदलाव किया है. सरकार ने अब छोटी कंपनी के लिए टर्नओवर लिमिट 20 करोड़ रुपये से बढ़कर 40 करोड़ और पेडअप कैपिटल की लिमिट 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ कर दी है.
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और बढ़ावा देने के मकसद से छोटी कंपनियों की परिभाषा में फिर से बदलाव किया है. कुछ नियमों में संशोधन करते हुए छोटी कंपनियों के लिए पेडअप कैपिटल लिमिट को मौजूदा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर “चार करोड़ रुपये कर दिया गया. वहीं, टर्नओवर को मौजूदा 20 करोड़ रुपये से बदलकर 40 करोड़ रुपये कर दियाा गया है.
यहां देखें वीडियो: Digilocker app: अब सब कुछ आपकी पॉकेट में फिट, झंझंट खत्म- एक जगह रखें डॉक्युमेंट्स
छोटी कंपनियों का बढ़ेगा दायरा
नई परिभाषा आने से अब ज्यादा संख्या में कंपनियां ‘छोटी कंपनी’ की कैटेगरी में आ जाएंगी. मंत्रालय के मुताबिक, छोटी कंपनियों को फाइनेंशियल स्टेटमेंट के तोर पर कैश फ्लो का लेखा-जोखा तैयार करने की जरूरत नहीं होती है. उन्हें ऑडिटर्स के अनिवार्य रोटेशन की जरूरत भी नहीं होती है.
TRENDING NOW
गिरते बाजार में कमाई कराएंगे ये शेयर! इंट्राडे से लेकर एक साल के नजरिए तक...एक्सपर्ट ने चुने ये स्टॉक्स
ITR भरने में गलती से भी न कर देना ये Mistake, वरना लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, आयकर विभाग ने किया अलर्ट
देवभूमि के इस Hill Station पर कभी भारतीयों को पैर रखने की भी नहीं थी इजाजत, अंग्रेजों ने लिखवाया था 'Indians Not Allowed'
गिरते बाजार में क्या करें ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स, अनिल सिंघवी से जानें- पोर्टफोलियो को नुकसान से कैसे बचाएं?
ट्रंप की जीत ने पलट दिया पासा, अब भारतीय शेयर बाजार पकड़ेगा तेज रफ्तार, ग्लोबल ब्रोकरेज ने किया बड़ा ऐलान
बाजार में गिरावट से टॉप 8 कंपनियों को लगा तगड़ा झटका, ₹1.65 लाख करोड़ घटा मार्केट कैप, ये 2 कंपनियां रही फायदे में
बयान के मुताबिक, एक छोटी कंपनी के ऑडिटर को ऑडिटर की रिपोर्ट में इंटरनल फाइनेंशियल कंट्रोल के औचित्य और इसकी ऑपरेटिंग प्रभावशीलता पर रिपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, इस कैटेगरी की कंपनियों के बोर्ड की बैठक साल में केवल दो बार की जा सकती है.
12:10 PM IST